कोदो की कहानी परंपरा, पोषण, और प्रगति की यात्रा 

कोदो की कहानी परंपरा, पोषण, और प्रगति की यात्रा 

कैलाश पाण्डेय


कोदो की कहानी सिर्फ एक अनाज की नहीं है, बल्कि यह मानवता के विकास, स्वास्थ्य, और सामुदायिक सहयोग की गाथा है। यह कहानी हमें उस समय में ले जाती है जब खेती की शुरुआत हुई थी और हमारे पूर्वजों ने पृथ्वी की पोषण क्षमता को समझा था
प्राचीन काल का नायक कोदो का इतिहास
कहानी शुरू होती है हजारों साल पहले, जब मानव ने शिकार से खेती की ओर कदम बढ़ाया। कोदो (Paspalum scrobiculatum) उन शुरुआती फसलों में से एक था, जिसे हमारे पूर्वजों ने अपनाया।भारत का प्राचीन सुपरफूड
कोदो का उल्लेख वैदिक साहित्य में मिलता है। इसे “अनाज का राजा” कहा गया क्योंकि यह कठिन परिस्थितियों में भी उग सकता था।
आयुर्वेद में इसे एक औषधीय अनाज माना गया, जो पाचन सुधारने, मधुमेह नियंत्रित करने और ऊर्जा बढ़ाने में मदद करता है।
आदिवासी संस्कृति का हिस्सा
आदिवासी समुदाय कोदो को “धरती का उपहार” मानते हैं। वे इसे त्यौहारों और धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग करते थे। और आज भी करते हैं।
कोदो को मेहनती किसानों की फसल कहा जाता है  क्योंकि इसे न्यूनतम संसाधनों में भी उगाया जा सकता है।
कोदो की खेती प्रकृति और किसान का रिश्ता है।
कोदो उगाने का अनोखा तरीका
कोदो की खेती पहाड़ी और सूखी जमीनों में की जाती है।
यह एक खरीफ फसल है, जिसे मानसून के मौसम में बोया जाता है।
कोदो के पौधे छोटे होते हैं, लेकिन इनकी जड़ें मिट्टी में गहराई तक जाती हैं, जिससे यह सूखे में भी पनप सकता है।
पर्यावरण के अनुकूल
कोदो को उगाने में पानी की बहुत कम आवश्यकता होती है।
इसमें रासायनिक उर्वरकों की जरूरत नहीं होती, जिससे यह जैविक खेती के लिए आदर्श है।
कोदो का पोषण और स्वास्थ्य लाभ आधुनिक सुपरफूडbपोषक तत्वों का खजाना
उच्च फाइबर पाचन में सुधार करता है।
प्रोटीन और खनिज मांसपेशियों और हड्डियों के लिए फायदेमंद।
ग्लूटेन-फ्री इसे ग्लूटेन एलर्जी वाले लोग भी खा सकते हैं।
मधुमेह नियंत्रण इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है, जिससे यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है।
हृदय स्वास्थ्य कोदो में पोटैशियम होता है, जो रक्तचाप को संतुलित करता है
कम कैलोरी और अधिक पोषक तत्वों वाला यह अनाज वजन घटाने में सहायक है।
पारंपरिक भोजन खिचड़ी, रोटी भात, खीर,दूध मिलाकर बनाई जाती है महेरी खीर की तरह ही ट्ठा  छाछ से  पकाजाती है भगर  कोदों चावल को बिना पानी धोए ही उसके कना सहित  चावल की तरह  पकाया जाता है   और
आधुनिक भोजन में  कूकीज़, पफ्ड स्नैक्स, और एनर्जी बार।
कोदो ग्रामीण महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का माध्यम
अनुपपुर जिले की महिलाओं के लिए कोदो सिर्फ एक अनाज नहीं, बल्कि उनकी जिंदगी बदलने वाला माध्यम बन चुका है।
आजीविका अमरकंटक कोदो इकाई
इस इकाई में काम करने वाली महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बनीं, बल्कि उन्होंने अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने का सपना पूरा किया।
महिलाएं कोदो के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भेज रही हैं।
यह संगठन महिलाओं को कोदो प्रसंस्करण और विपणन का प्रशिक्षण देता है।
महिलाओं ने पहली बार महसूस किया कि उनकी मेहनत का सीधा असर उनके आर्थिक  जीवन पर हो सकता है।
कोदो का वैश्विक सफर एक भारतीय अनाज की विश्व यात्रा
आज कोदो की ख्याति भारत की सीमाओं को पार कर चुकी है। इसे अब “मिलेट्स ऑफ द फ्यूचर” (भविष्य का अनाज) कहा जा रहा है।
कोदो को यूरोप और अमेरिका में सुपरफूड के रूप में अपनाया जा रहा है।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ता इसे अपने आहार में शामिल कर रहे हैं।
2023 को “मिलेट्स का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष” घोषित किया गया, जिसमें कोदो को विशेष स्थान दिया गया।
एक हरे-भरे पहाड़ी खेत में महिलाएं कोदो काट रही हैं।
उनकी हंसी और बातचीत खेतों में गूंज रही है।
बैलगाड़ी में कोदो का ढेर लादकर उसे प्रसंस्करण इकाई तक पहुंचा रही हैं।
इकाई में मशीनें चल रही हैं,  वहां महिलाएं कोदो को कूकीज़ और आटे में बदल रही हैं।
बच्चों के हाथों में कोदो से बने स्वादिष्ट स्नैक्स हैं, जो उन्हें स्वास्थ्य और खुशी दे रहे हैं।परंपरा और आधुनिकता का संगम सामाजिक-आर्थिक बदलाव ला रहा है।
कोदो सिर्फ एक अनाज नहीं, बल्कि पर्यावरण, स्वास्थ्य, और समुदाय के बीच संतुलन का प्रतीक है। कोदों  फसल की यात्रा हमें सिखाती है कि कैसे छोटी-छोटी चीजें भी बड़े बदलाव ला सकती हैं। अनुपपुर की आजीविका अमरकंटक कोदो इकाई ने यह साबित कर दिया है कि यदि सही दिशा और सहयोग मिले, तो परंपरागत फसलों के माध्यम से भी प्रगति की नई ऊंचाइयां छुई जा सकती हैं।
कोदो खेत खलिहान  से रसोई  तक की कहानी न केवल पोषण की है बल्कि   अनूपपुर जिले के किसान और समूह की महिलाओं की आर्थिक  उत्थान की  भी है ।

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One response to “कोदो की कहानी परंपरा, पोषण, और प्रगति की यात्रा ”

  1. Deepak Modanwal Avatar

    Nice script writing 👍💐💐

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Kailash Pandey
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