नई दिल्ली टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता और भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने चार वर्षों के लिए निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई उनके द्वारा 10 मार्च को राष्ट्रीय टीम चयन ट्रायल के दौरान डोपिंग टेस्ट के लिए सैंपल देने से इनकार करने के बाद की गई।
निलंबन के कारण
बजरंग पूनिया ने डोपिंग रोधी नियमों का उल्लंघन करते हुए सैंपल देने से मना कर दिया था।
यह इनकार वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी (WADA) के नियमों के खिलाफ है, जिसके तहत खिलाड़ी का सैंपल न देना भी डोपिंग उल्लंघन माना जाता है।
बजरंग पूनिया की उपलब्धियां
2020 टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर उन्होंने भारत का नाम रोशन किया।
कई बार के एशियाई और विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता रह चुके बजरंग, भारतीय कुश्ती का एक प्रमुख चेहरा हैं।
इस निलंबन के कारण बजरंग पूनिया आगामी पेरिस ओलंपिक 2024 और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से बाहर हो गए हैं।
उनकी छवि और करियर पर भी इस निलंबन का बड़ा असर पड़ने की संभावना है
NADA ने इस कार्रवाई के माध्यम से खिलाड़ियों को सख्त संदेश दिया है कि डोपिंग नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
बजरंग को अब अपील करने का अधिकार है, लेकिन प्रक्रिया के अनुसार उन्हें अपने निलंबन की अवधि का पालन करना होगा
बजरंग के निलंबन ने भारतीय खेल जगत में हलचल मचा दी है। समर्थकों ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं, जबकि विरोधियों का कहना है कि नियमों का उल्लंघन किसी भी खिलाड़ी के लिए अनुचित है।
बजरंग पूनिया की प्रतिक्रिया का इंतजार है।


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