मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर अरेरा कॉलोनी स्थित गुरुद्वारे में पहुंचकर मत्था टेका। यह अवसर धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक बनकर सामने आया, जिसमें मुख्यमंत्री ने न केवल गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं का सम्मान किया, बल्कि उनके योगदान को भी याद किया।
गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की नींव रखी और उनके विचारों ने समाज में समानता, भाईचारे और प्रेम का संदेश दिया। उनका जीवन गरीबों और वंचितों के लिए प्रेरणा का स्रोत था, और उनके उपदेशों ने मानवता के उन्नति की दिशा में अहम भूमिका निभाई। उनकी शिक्षाएं आज भी समाज में व्याप्त असमानताओं के खिलाफ लड़ा जा रहा संघर्ष प्रेरित करती हैं।
डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर गुरु नानक जी की शिक्षाओं को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन और संदेश आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए समानता की वकालत की थी और हर किसी को ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा और विश्वास में समान अवसर दिए थे।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार धार्मिक और सांस्कृतिक अवसरों को बढ़ावा देने के लिए और अधिक कदम उठाएगी, ताकि समाज में एकता और भाईचारे का माहौल बना रहे। उनके इस कदम से राज्य में सिख समुदाय और अन्य धार्मिक समुदायों के बीच आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
अरेरा कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा में आयोजित इस आयोजन में डॉ. मोहन यादव के साथ कई अन्य प्रमुख नेता और समाज के प्रतिष्ठित सदस्य भी उपस्थित थे। यह आयोजन सिख समुदाय के लिए खास महत्व रखता था, और इसके माध्यम से मुख्यमंत्री ने यह संदेश दिया कि उनका शासन सबकी भलाई के लिए समर्पित है।
मुख्यमंत्री की इस पहल से यह साफ हो जाता है कि वे केवल राजनीति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सामाजिक समरसता और धार्मिक एकता के प्रतीक भी बनते जा रहे हैं। उनके इस कदम से मध्य प्रदेश में धर्मनिरपेक्षता की भावना को और प्रगाढ़ करने की उम्मीद बनी है।
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