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पुलिस ने ढाई सौ किमी पीछा कर पकड़े तीनों किडनैपर्स

अपहरण की कोशिश में नाकाम होने के बाद कर यूपी की तरफ भागे बदमाश,पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस से लोकेशन निकाली,जमीन के एडवांस का था विवाद

जबलपुर। शहर के बिल्डर का किडनैप करने की नाकाम कोशिश सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। बिल्डर के अपहरण की कोशिश करने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने 250 किलोमीटर तक पीछा कर पकड़ लिया। इसके लिए मोबाइल सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज से इनपुट निकाले। उत्तर प्रदेश में सुल्तानपुर के रहने वाले आरोपियों का बिल्डर से जमीन के मामले में रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था। वे उसे मारने की धमकी भी दे रहे थे। वारदात 4 नवंबर की है। पुलिस ने वारदात और आरोपियों के पकड़े जाने के बारे में सिलसिलेवार जानकारी का खुलासा किया।


-बात करने बुलाया था बाहर
पुलिस ने बताया कि वारदात वाले दिन ओमती निवासी बिल्डर हिमांशु यादव महाराष्ट्र हाई स्कूल के पास अपने ऑफिस पहुंचा ही था। कुछ ही देर में वैगन-आर कार में सवार होकर तीन लोग वहां पहुंचे। उन्होंने हिमांशु को बात करने के लिए बाहर बुलाया। जैसे ही हिमांशु कार के पास पहुंचा, तीनों युवक उसे पकड़कर जबरन कार में बैठाने लगे। हिमांशु चिल्लाया तो मारपीट शुरू कर दी। उन्होंने हिमांशु को कार में धकेल दिया, लेकिन वह दूसरी तरफ से निकलकर बाहर आ गया। दौड़ लगाते हुए लार्ड गंज थाने पहुंच गया। अपहरणकर्ता भी कार से हिमांशु के पीछे-पीछे थाने तक आए। जब वह अंदर घुस गया तो भाग निकले।

-जमीन के सौदे का था विवाद
हिमांशु ने पुलिसकर्मियों को बताया कि जुलाई 2024 में अधारताल निवासी जेपी यादव के जरिए सुल्तानपुर में रहने वाले उमा शंकर यादव से उसकी मुलाकात हुई थी। उमा शंकर ने हिमांशु से कुंडम के पास 10 लाख रुपए में दो हजार स्क्वायर फीट जमीन खरीदी। हिमांशु को 4 लाख रुपए एडवांस दिए। इसके बाद जमीन के दस्तावेज तैयार किए गए। अक्टूबर में उमा शंकर ने जमीन खरीदने से ये कहते हुए मना कर दिया कि अब वह जबलपुर नहीं, लखनऊ में जमीन खरीदेगा। हिमांशु ने उमा शंकर को ढाई लाख रुपए का चेक दे दिया और बाकी के रुपए भी जल्द देने को कहा।
बचे हुए रुपयों को लेकर दोनों का फोन पर जमकर विवाद हुआ। उमा शंकर ने हिमांशु को धमकी दी कि अब 10 लाख रुपए देगा, तभी तेरी जान बचेगी। नहीं तो जबलपुर से उठाकर यूपी लेकर आएंगे और तेरी हत्या कर देंगे। परिवार वालों को लाश भी नहीं मिलेगी।

-धमकी को अंजाम देने पहुंचे बदमाश
उमा शंकर की धमकी को हिमांशु ने हल्के में लिया और अपने काम में लगा रहा। 4 नवंबर की सुबह उमा शंकर यादव अपने दो दोस्त रवि प्रसाद और अभिषेक तिवारी के साथ हिमांशु के ऑफिस पहुंचा। तीनों ने हिमांशु का मोबाइल छीनकर उसे बंद कर दिया। फिर जबरन सुल्तानपुर ले जाने के लिए कार में बैठाने लगे।


-लगातार पीछा करती रही पुलिस
एएसआई मनोज गोस्वामी और उनकी टीम ने रीवा तक पीछा कर आरोपियों को पकड़ा गया।


कटनी, सतना और रीवा पुलिस को दी जानकारी
हिमांशु की बात सुनकर सीएसपी रितेश शिव ने एएसआई मनोज गोस्वामी को मौके पर जाने के निर्देश दिए। एएसआई मनोज आरक्षक शुभम और हेमराज के साथ मौके पर पहुंचे और आसपास के सीसीटीवी खंगाले। उमा शंकर की वैगन-आर का नंबर यूपी-54 एनए 8656 सहित दूसरी जानकारी कटनी, सतना और रीवा पुलिस को दी। इसके बाद सीएसपी के निर्देश पर वे एक टीम के साथ उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की तरफ निकले। उमा शंकर अपने दोनों दोस्त रवि प्रसाद और अभिषेक तिवारी के साथ उत्तर प्रदेश की ओर भागा, लेकिन रीवा पुलिस की मदद से जबलपुर पुलिस ने तीनों आरोपियों को हनुमना घाट पर पकड़ लिया। आरोपियों से हिमांशु का मोबाइल भी जब्त कर लिया। पुलिस के मुताबिक जिस कार से आरोपी आए थे, वो किराए की थी।

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