वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर चर्चा के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने अपनी अंतिम बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार किया। इस समिति का उद्देश्य वक्फ अधिनियम 1923 के प्रावधानों को संशोधित कर वर्तमान चुनौतियों और जरूरतों के अनुरूप बनाना है। बैठक के दौरान सदस्यों से सुझाव मांगे गए, जिनमें प्रावधानों को अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाने पर जोर दिया गया।
विधेयक के प्रमुख मुद्दे और सुझाव वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन प्रस्तावित संशोधन वक्फ संपत्तियों की पहचान, पंजीकरण और प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों का उपयोग सुनिश्चित करना चाहते हैं। इन सुधारों का उद्देश्य संपत्तियों पर अवैध कब्जों को रोकना और उनकी उपयोगिता बढ़ाना है। गैर-मुस्लिम सदस्यों की भागीदारी: बैठक में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। यह मुद्दा विवादास्पद रहा, क्योंकि कई समूह इसे वक्फ संपत्तियों के मूलभूत प्रावधानों के विपरीत मानते हैं।
संपत्ति विवादों का समाधान प्रस्ताव में यह भी शामिल है कि वक्फ संपत्तियों की कानूनी स्थिति को चुनौती देने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। हालांकि, कुछ सदस्यों ने यह चिंता जताई कि इससे पुरानी संपत्तियों को लेकर विवाद बढ़ सकते हैं।
. जनता से सुझाव समिति को 94 लाख से अधिक ईमेल और हजारों लिखित सुझाव प्राप्त हुए। इनमें से अधिकांश सुझाव संपत्तियों की पारदर्शिता, स्थानीय प्रबंधन को सशक्त करने और कानूनी विवादों को कम करने के संबंध में थे।
विरोध और चुनौतियां
विधेयक को लेकर कई स्थानों पर विरोध हुआ, जिसमें लखनऊ और अन्य शहरों में लोगों ने इसे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप माना। विरोधियों का कहना है कि विधेयक से वक्फ संपत्तियों की स्वायत्तता प्रभावित होगी।
संशोधन पर अंतिम रिपोर्ट तैयार करने से पहले समिति इन सुझावों और प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण करेगी। विधेयक को संसद में पेश करने से पहले इसमें आवश्यक बदलाव किए जा सकते हैं।
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