बिजली डिफाल्टरों से निपटने सरकार की नई तरकीब, दूसरी कंपनियों में काम शुरु, पूर्व क्षेत्र वितरण कंपनी में छाई खामोशी,विरोध से बचने अफसर हट रहे पीछे
जबलपुर। बार-बार सख्ती बरतने के बाद भी जिन बिजली उपभोक्ताओं से बिल की वसूली नहीं हो रही है,उनके लिए राज्य सरकार ने नई तरकीब निकाली है। तय किया गया है कि ऐसे उपभोक्ताओं के खातों से बिजली बिल की रकम काट ली जाएगी। यदि एक खाते में पैसे नहीं होंगे तो परिवार के किसी भी खाते से ये रकम निकाल ली जाएगी। वसूली के इस नए पैंतरे को जमीन पर उतारने के लिए हर जिले में कमेटी का गठन करने की तैयारी है, जिसके अध्यक्ष कलेक्टर होंगे।
- कौन-कौन शामिल होगा समिति में
कलेक्टर की अध्यक्ष्ता वाली इस समिति में एसपी, जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम आयुक्त, सीएमओ और बिजली कंपनी के अधीक्षण अभियंता सदस्य होंगे। ये कमेटी बिजली चोरी रोकने के साथ कर्मचारियों पर होने वाली हिंसक घटनाओं पर कार्रवाई करने का भी काम करेगी। कलेक्टर के पास सभी उपभोक्ताओं की बैंक डिटेल्स उपलब्ध होगी। अभी तक ऐसे मामलों में बिजली अमला अकेला पड़ जाता है और पुलिस से शिकायत करने के बाद कार्रवाई हो पाती है।
-जमीन पर उतारना होगा मुश्किल
इस मामले में जानकारों का मानना है कि इस तरह की योजनाएं कागजों में उम्दा लगती हैं,लेकिन जब जमीन पर उतारने की बात आती है तो कई तरह की मुश्किलें पेश आती हैं। इस योजना में भी बैंकिंग नियमावली आड़े आ सकती है। हालाकि, ये भी सही है कि जिन्होंने योजना तैयार की है, उन्होंने इसके सारे पहलुओं के बारे में विचार किया होगा।
-सबसे आखिरी में शुरु करेंगे
इधर, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों की प्लानिंग है कि जब पूरे प्रदेश की सारी कंपनियां इस दिशा में पुख्ता तौर पर काम शुरु कर देंगी, जब पूर्व क्षेत्र के अधिकारी इस योजना के लिए एक्टिव होंगे ताकि विरोध का सामना न करना पड़ा। जबलपुर में बैठे अफसरों को उम्मीद है कि इंदौर, भोपाल और ग्वालियर में सरकार को जिस तरह से विरोध का सामना करना पड़ेगा, उससे सरकार इस योजना को ठंडे बस्ते में डालने मजबूर हो जाएगी। अफसर जानते हैं कि इस योजना के शुरु होते ही तरह-तरह के आरोप लगेंगे और मामला राजनीतिक दबाव तक पहुंच जाएगा,जिसके आगे अफसरों का कोई जोर नहीं है।
-बात करने तैयार नहीं
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के ना केवल अधिकारी बल्कि जनसंपर्क विभाग के अफसर भी इस बारे में बात करने से बच रहे हैं। तय किया जा चुका है कि इस मामले को फिलहाल टाला जाएगा और तब तक टाला जाएगा,जब तक ये योजना पूरे प्रदेश में लागू न हो जाए या सरकार इसे बंद करने पर विवश न हो जाए।
Leave a Reply