मुख्य सचिव अनुराग जैन के भ्रष्टाचार विरोधी निर्देश मानो अनूपपुर जिले के कुछ अधिकारियों के गले का कांटा बन गए हैं। शासन के सख्त निर्देशों के चलते प्रदेश के कई बड़े विभागों में अनियमितताओं की जांच शुरू हो चुकी है। लेकिन अनूपपुर के कुछ अधिकारी शायद इस पारदर्शिता और कड़ाई को पचा नहीं पा रहे हैं।
जैतहरी के सीईओ पर आखिर कौन कौन मेहरबान हैं
जैतहरी जनपद के विवादित सीईओ वीरेंद्र मणि मिश्रा के प्रति उदारता दिखाने के आरोप हैं। विधानसभा में इन अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा से भी कई सवाल खड़े हुए हैं। चेक डैम और पुलिया निर्माण में प्रशासनिक स्वीकृति से अधिक राशि का भुगतान भ्रष्टाचार की ओर स्पष्ट संकेत करता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही होगी या नहीं।
एस्टीमेट और प्रशासनिक स्वीकृति की अनदेखी
विकास कार्यों के लिए निर्धारित स्वीकृत बजट को दरकिनार कर अनधिकृत तरीके से अधिक भुगतान करना विभाग की गरिमा को धूमिल करता है। यह स्थिति दर्शाती है कि कुछ अधिकारी सरकारी धन को अपनी सुविधा के अनुसार खर्च करने में लगे हुए हैं, जो एक गंभीर प्रशासनिक मुद्दा है।
यदि उनका काम और निर्णय सही हैं, तो प्रशासनिक पत्रों पर प्रतिक्रिया संयमित और अनुशासनपूर्ण होनी चाहिए।
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