
-आटो की ओवरलोडिंग व बिना परमिट संचालन के विरुद्ध कार्रवाई जारी रखने के सख्त निर्देश
जबलपुर। हाई कोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष शुक्रवार को जबलपुर में आटो की धमाचौकड़ी के मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता अधिवक्ता सतीश वर्मा ने चिंता जताते हुए कहा कि अब तक सरकार की ओर से हाई कोर्ट में दो बोरे यानि लगभग 200 किलो वजन के बराबर रिपोर्ट पेश हो चुकी है। इसके बावजूद आटो की ओवरलोडिंग व बिना परमिट संचालन की समस्या जस की तस बनी हुई है। दरअसल, यह समस्या जबलपुर ही नहीं दूसरे शहरों की भी है। ऐसा इसलिए क्योंकि परमिट की शर्तों के विपरीत मनमाने तरीके से आटो में आेवर लोडिंग की जाती है। इस वजह से यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। हाई कोर्ट ने उक्त दलील को बेहद गंभीरता से लेते हुए आटो रिक्शा प्रकरण में हस्तक्षेपकर्ता आटो विक्रेताओं व चालकों को कोई भी राहत देने से मना कर दिया। साथ ही राज्य शासन को आटो की धमाचौकड़ी व अवैध संचालन के विरुद्ध ठोस कार्रवाई जारी रखने के सख्त निर्देश दे दिए। मामले की अगल सुनवाई 10 दिसंबर को निर्धारित कर दी।



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