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तुर्की ने उत्तरी सीरिया और इराक में हवाई हमले किए, जो कुर्दिश समूहों PKK (कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी) और YPG (पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स) के ठिकानों पर केंद्रित थे

तुर्की ने उत्तरी सीरिया और इराक में हवाई हमले किए, जो कुर्दिश समूहों PKK (कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी) और YPG (पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स) के ठिकानों पर केंद्रित थे

। इन हमलों का उद्देश्य तुर्की में हुए हालिया आत्मघाती हमलों का बदला लेना था। तुर्की सरकार PKK और YPG को आतंकवादी संगठन मानती है, और उनका दावा है कि इन समूहों के लड़ाके तुर्की की संप्रभुता को खतरे में डाल रहे हैं।

सीरिया में हालात: तुर्की के हवाई हमलों ने सीरिया के उत्तरी हिस्से में भारी तबाही मचाई है, विशेष रूप से कुर्दिश प्रशासन द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में। इन हमलों से वहां के बुनियादी ढांचे जैसे कि गैस, बिजली, और पानी के स्रोतों को गंभीर क्षति पहुंची है। सीरिया के अल-हसाकाह प्रांत में स्थित स्वेदियेह गैस स्टेशन, जो घरेलू उपयोग के लिए गैस का एकमात्र स्रोत था, पूरी तरह नष्ट हो गया है, जिससे 920,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। गैस की आपूर्ति बंद होने से लोगों को गैस सिलेंडर अब 10 डॉलर तक की ऊंची कीमतों पर खरीदने पड़ रहे हैं, जबकि पहले यह कीमत मात्र 1 डॉलर थी।

गैस के अलावा, पानी की भी भारी कमी हो गई है। अलोक नामक जल स्टेशन, जो इस क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण जल स्रोत है, हमलों के कारण पूरी तरह बंद हो गया है। नतीजतन, दो मिलियन से अधिक लोग साफ पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। कई जगहों पर पानी की आपूर्ति अब हर दो दिन में केवल तीन घंटे तक हो रही है, जिससे लोग बोतलबंद पानी खरीदने पर मजबूर हैं। इसके साथ ही, हमलों ने डीजल और तेल के भंडार को भी प्रभावित किया है, जिसके कारण परिवहन सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं।

इराक में हालात: इराकी कुर्दिस्तान में भी तुर्की की सेना ने PKK के ठिकानों पर हमले किए हैं। यह क्षेत्र पहले से ही संघर्ष और आतंकवाद से जूझ रहा है, और इन हमलों ने हालात और भी गंभीर कर दिए हैं। तुर्की का दावा है कि PKK का इस्तेमाल इराक के पहाड़ी इलाकों से तुर्की के खिलाफ हमलों के लिए किया जाता है, इसलिए इन क्षेत्रों को निशाना बनाना ज़रूरी था।

हमलों का असर सिर्फ कुर्दिश लड़ाकों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इन हमलों से आम जनता भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। वहां के लोग जल, बिजली, और ईंधन की भारी कमी से जूझ रहे हैं, और कई लोग विस्थापित हो रहे हैं। इसके साथ ही, कई इराकी कुर्दिश राजनीतिक संगठनों ने तुर्की के इन हमलों की निंदा की है और इसे क्षेत्रीय शांति के लिए एक बड़ा खतरा बताया है।

तुर्की का दावा: तुर्की की सरकार ने इन हमलों को आत्मरक्षा के रूप में प्रस्तुत किया है। तुर्की का कहना है कि ये कुर्दिश लड़ाके उसके खिलाफ हमले की योजना बना रहे थे, इसलिए इन ठिकानों को नष्ट करना ज़रूरी था। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एरडोगन ने कहा कि उनकी सरकार अपने देश की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकती है, और PKK जैसे आतंकवादी संगठनों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हालांकि, मानवाधिकार संगठनों ने तुर्की के इन हमलों की आलोचना की है और कहा है कि इन हमलों ने नागरिक आबादी को भी प्रभावित किया है। खासकर, उन इलाकों में जहां पहले से ही आर्थिक तंगी और मानवाधिकारों की स्थिति खराब है, वहां इन हमलों ने हालात और भी बदतर कर दिए हैं। इसके अलावा, कुर्दिश नेतृत्व ने भी इन हमलों की आलोचना की है और इसे तुर्की द्वारा कुर्दिश स्वायत्तता पर हमला करार दिया है।

मानवाधिकार और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया: इन हमलों के बाद मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है कि तुर्की ने अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का उल्लंघन किया है। विशेष रूप से नागरिक ठिकानों और बुनियादी ढांचे पर हमले, जिनका सीधा प्रभाव लाखों लोगों के जीवन पर पड़ा है। अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने तुर्की से अनुरोध किया है कि वह इन हमलों को तुरंत रोके और सीरियाई और इराकी क्षेत्रों में स्थिरता लाने के प्रयास करें। हालांकि, तुर्की सरकार ने इन अपीलों को नजरअंदाज कर दिया है और कहा है कि वह अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देगी।

संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने इस स्थिति पर नजर रखी है और मांग की है कि तुर्की अपनी सैन्य कार्रवाई को सीमित करे और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। हालांकि, तुर्की ने इन आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि उसके हमले केवल आतंकवादी ठिकानों पर केंद्रित हैं और वह किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं कर रहा है।

भविष्य की संभावना: स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है, और तुर्की के ये हमले लंबे समय तक चलने की संभावना है। इराक और सीरिया में कुर्दिश समूहों के खिलाफ तुर्की की यह कार्रवाई इन देशों के भीतर संघर्ष को और बढ़ा सकती है। साथ ही, यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है, खासकर अगर इन हमलों से कुर्दिश संघर्ष और उग्र हो जाता है।

वहीं, तुर्की की आंतरिक राजनीति पर भी इसका प्रभाव दिखने लगा है। एरडोगन की सरकार इन हमलों के माध्यम से अपने समर्थकों को दिखाना चाहती है कि वह देश की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठा रही है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाया है और कहा है कि तुर्की के इन हमलों से देश के अंदर और बाहर दोनों जगह अस्थिरता बढ़ेगी।

तुर्की के सीरिया और इराक में किए गए हवाई हमलों ने पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है। कुर्दिश क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब आर्थिक तंगी, ईंधन और जल संकट, और विस्थापन की चुनौतियों से जूझ रहे हैं। तुर्की का दावा है कि ये हमले आतंकवाद के खिलाफ हैं, लेकिन इनसे नागरिक जीवन पर गंभीर असर पड़ा है।

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