नर्सिंग फर्जीवाड़े के व्हिसल ब्लोअर को बड़ी राहत
जबलपुर।
नर्सिंग घोटाले को उजागर करने वाले एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस संजीव सचदेवा और विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए रवि परमार को एमएससी नर्सिंग प्रवेश परीक्षा में फिजिकल फॉर्म भरकर शामिल होने की अनुमति भी दे दी है। रवि परमार की याचिका पर हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता एक छात्र नेता है और उसके खिलाफ लगभग चार एफआईआर दर्ज हैं। याचिकाकर्ता के द्वारा कथित रूप से उल्लंघन की गई धाराओं में से कोई भी नैतिक अधमता से संबंधित नहीं है, कार्यवाही लंबित है और याचिकाकर्ता को अभी तक दोषी नहीं ठहराया गया है, और इस तरह की शर्त मौलिक अधिकार के बिल्कुल विपरीत है।
–परीक्षा देने से क्यों रोका गया
याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक पांडे ने बताया कि मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) द्वारा आयोजित एमएससी नर्सिंग प्रवेश परीक्षा में रवि परमार को सरकार के द्वारा राजनीति से प्रभावित होकर एफआईआर के कारण परीक्षा में बैठने से रोका जा रहा था। नियमावली के अनुसार, जिन उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था, लेकिन रवि परमार के खिलाफ ये एफआईआर नर्सिंग घोटाले का पर्दाफाश करने और छात्र हित के लिए किए गए आंदोलनों के कारण दर्ज की गई थीं।
–दिग्विजय सिंह ने दिया था बयान
मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। एक्स पर सवाल उठाते हुए उन्होंने लिखा कि युवाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष करने पर रवि परमार को किस कानून या नियम में परीक्षा में बैठने से सरकार रोक रही है’ ।
रवि परमार के अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने पक्ष रखा।
शुक्रवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) को निर्देश दिए हैं कि रवि परमार का फिजिकल फॉर्म स्वीकार किया जाए। जिससे कि वे परीक्षा में शामिल हो सकें। मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर 2024 को होगी।
रवि परमार के अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने तर्क दिया कि सिर्फ एफआईआर के आधार पर परीक्षा में शामिल होने से रोकना न्याय अनुचित है और यहां आर्टिकल 29 के विरुद्ध है, हमारे संविधान के राइट टू एजुकेशन का स्पष्ट उल्लंघन है। अदालत ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए परमार को फिजिकल फॉर्म भरकर परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी।
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Kailash Pandey
Anuppur (M.P.)
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