इजरायल और लेबनानी संगठन हिजबुल्लाह के बीच चल रहे संघर्ष में एक और महत्वपूर्ण घटना सामने आई है। इजरायल का दावा है कि उसने हिजबुल्लाह के एक और प्रमुख कमांडर को मार गिराया है। यह घटना उस व्यापक सैन्य अभियान का हिस्सा है जो इजरायल लंबे समय से हिजबुल्लाह के खिलाफ चला रहा है।
इजरायल-हिजबुल्लाह संघर्ष की दास्तान
हिजबुल्लाह एक शिया आतंकवादी संगठन है, जिसका गठन 1980 के दशक में हुआ था और इसे मुख्य रूप से ईरान का समर्थन प्राप्त है। इसका प्रमुख उद्देश्य इजरायल के खिलाफ संघर्ष करना और उसे कमजोर करना है। लेबनान में हिजबुल्लाह एक सशस्त्र और राजनीतिक शक्ति के रूप में मौजूद है, जिसने कई बार इजरायल पर मिसाइल हमले किए हैं और छापामार युद्ध की रणनीति अपनाई है। इसी वजह से इजरायल हिजबुल्लाह को एक प्रमुख खतरे के रूप में देखता है और उसे कमजोर करने के लिए सैन्य अभियानों को अंजाम देता है।
इजरायल ने हिजबुल्लाह के एक कमांडर को मार गिराने का दावा किया है, जिससे हिजबुल्लाह के अंदर भारी नुकसान हुआ है इस घटना के बाद, यह माना जा रहा है कि इजरायल हिजबुल्लाह के पीछे लगातार हाथ धोकर पड़ा हुआ है, एक-एक कर उसके प्रमुख नेताओं और रणनीतिक ठिकानों को निशाना बना रहा है। इससे हिजबुल्लाह की शक्ति और संगठनात्मक ढांचा ध्वस्त हो रहा है, हालांकि इस संगठन का इरादा अब भी इजरायल के खिलाफ संघर्ष को जारी रखने का है।
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच यह संघर्ष काफी समय से चला आ रहा है और इस घटना ने इसे और तेज़ कर दिया है। इजरायल की ओर से हिजबुल्लाह को लगातार निशाना बनाने के बावजूद यह संघर्ष समाप्त होने के संकेत कम ही दिखते हैं। हिजबुल्लाह के पास अभी भी सैन्य शक्ति और मिसाइल क्षमताएँ हैं, जिससे इजरायल के लिए यह चुनौती बनी हुई है कि वह अपनी सुरक्षा को कैसे सुनिश्चित करे। वहीं, हिजबुल्लाह भी लगातार अपने समर्थकों को बनाए रखने की कोशिश कर रहा है, जिससे यह संघर्ष लंबा चल सकता है। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष लगातार तीव्र हो रहा है, और इससे मध्य-पूर्व में स्थिरता पर बड़ा असर पड़ रहा है।
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