आज नवरात्रि का छठा दिन है, और इस दिन कात्यायनी देवी की पूजा की जाती है।
देवी कात्यायनी की पूजा विधि:
1. प्रारंभिक तैयारी:
सुबह स्नान कर के स्वच्छ वस्त्र पहनें।
पूजा स्थान को स्वच्छ करके देवी की मूर्ति या तस्वीर रखें।
2. पूजन सामग्री:
पीले वस्त्र, चंदन, कुमकुम, गुड़हल के फूल, धूप, दीप, कपूर, नारियल, मिष्ठान।
भोग में शहद और हलवा विशेष रूप से अर्पित करें।
3. पूजन विधि:
देवी को पीले वस्त्र और आभूषण अर्पित करें।
धूप-दीप जलाएं और गुड़हल के फूल चढ़ाएं।
दुर्गा सप्तशती का पाठ करें या देवी के 108 नामों का जाप करें।
अंत में देवी की आरती करें और शहद का भोग लगाएं।
4. कात्यायनी मंत्र:
चंद्रहासोज्जवलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
देवी कात्यायनी पूजा से लाभ:
शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं, विशेषकर कुंवारी कन्याओं को इसका विशेष लाभ मिलता है।
स्वास्थ्य में सुधार और रोगों से मुक्ति मिलती है।
आर्थिक संकट दूर होते हैं और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।
राशियों पर कात्यायनी पूजा का प्रभाव:
मेष: साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी, कार्यक्षेत्र में उन्नति होगी।
वृषभ: परिवार में सुख-शांति और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
मिथुन: स्वास्थ्य में सुधार होगा, व्यवसायिक लाभ मिलेगा।
कर्क: प्रेम संबंधों में सफलता मिलेगी, विवाह के योग बनेंगे।
सिंह: नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होगी, सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
कन्या: आर्थिक लाभ होगा, निवेश में सफलता मिलेगी।
तुला: सामाजिक जीवन में उन्नति और मान-सम्मान बढ़ेगा।
वृश्चिक: मानसिक तनाव कम होगा, शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी।
धनु: धार्मिक यात्रा और आत्मिक शांति प्राप्त होगी।
मकर: पारिवारिक जीवन में सुख-शांति और धन-संपत्ति में वृद्धि होगी।
कुंभ: कार्यक्षेत्र में उन्नति और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होगी।
मीन: आध्यात्मिक उन्नति और स्वास्थ्य में सुधार होगा।
देवी कात्यायनी की पूजा करके आप जीवन में सफलता और शांति प्राप्त कर सकते हैं।
देवी कात्यायनी महिषासुर का संहार करने वाली शक्ति हैं, और उनकी पूजा से भय, रोग, और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।
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Kailash Pandey
Anuppur (M.P.)
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