सितंबर 2024 में एक ही दिन में 13 कंपनियों ने सेबी से आईपीओ की मंजूरी मांगी, जिससे भारतीय बाजार में बड़ी हलचल मची है। इन कंपनियों ने कुल मिलाकर लगभग 8,644 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें चार मुख्य कंपनियों के आईपीओ और नौ एसएमई (छोटे और मझोले उद्यम) आईपीओ शामिल हैं।
मुख्य कंपनियों के आईपीओ:
बजाज हाउसिंग फाइनेंस: सबसे बड़ा आईपीओ है, जिससे 6,560 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। इसका आईपीओ 9 सितंबर से 11 सितंबर 2024 तक खुला रहेगा।
पी. एन. गडगिल ज्वैलर्स: इस कंपनी का लक्ष्य 1,100 करोड़ रुपये जुटाने का है। इसका आईपीओ 10 सितंबर से 12 सितंबर 2024 तक खुला रहेगा।
क्रॉस लिमिटेड: 500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है।
टोलिंस टायर्स: 230 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने जा रही है।
इनके अलावा, Arkade Developers और Western Carriers India भी जल्द ही अपने आईपीओ लाने की तैयारी में हैं। इससे पहले अगस्त 2024 में Ola Electric Mobility और FirstCry जैसी बड़ी कंपनियों ने भी अपने आईपीओ जारी किए थे। इस वर्ष के अंत तक मुख्य आईपीओ के माध्यम से 1.25 लाख करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है।
एसएमई आईपीओ: एसएमई क्षेत्र में भी बड़ी हलचल देखने को मिल रही है। नौ कंपनियों ने अपने आईपीओ के जरिए पूंजी जुटाने का निर्णय लिया है, जिनमें शामिल हैं:
अदित्य अल्ट्रा स्टील, शुभश्री बायोफ्यूल्स एनर्जी, और शेयर समाधान जैसी कंपनियां।
इन एसएमई कंपनियों का लक्ष्य 12 करोड़ से लेकर 45 करोड़ रुपये तक जुटाना है। एसएमई आईपीओ में हाल ही में काफी जोरदार वृद्धि देखी गई है, जहां अगस्त 2024 में औसतन 290 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ था।
इन आईपीओ के माध्यम से कंपनियां अपने विस्तार, कर्जों के भुगतान, कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं और मौजूदा शेयरधारकों को निकासी का मौका प्रदान करने की योजना बना रही हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में अत्यधिक निवेश के कारण कुछ जोखिम भी मौजूद हैं, खासकर अगर कुछ आईपीओ लिस्टिंग मूल्य से नीचे रह जाते हैं तो बाजार में मंदी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इस प्रकार, 13 कंपनियों द्वारा एक साथ आईपीओ लाने की इस गतिविधि से भारतीय बाजारों में निवेश और तरलता का प्रवाह बढ़ा है, जो निवेशकों के लिए भी एक आकर्षक अवसर साबित हो सकता है, बशर्ते वे सही कंपनियों में निवेश करें और बाजार की स्थिति का ध्यान रखें।
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