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हीट वेव से बढ़ रहा मानसिक तनाव, मानव स्वभाव में चौंकाने वाले बदलाव

हीट वेव से बढ़ रहा मानसिक तनाव, मानव स्वभाव में चौंकाने वाले बदलाव

गर्मी के साथ बढ़ा गुस्सा और हिंसा, विशेषज्ञ कर रहे चेतावनी

हीट वेव का कहर बढ़ती गर्मी बदल रही है इंसानी स्वभाव, चिड़चिड़ापन और हिंसा में वृद्धि
भोपाल/नई दिल्ली, अप्रैल 2025 — देश के कई हिस्सों में जारी भीषण गर्मी यानी हीट वेव ने न केवल लोगों के शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया है, बल्कि अब इसका सीधा असर मानव स्वभाव और सामाजिक व्यवहार पर भी देखने को मिल रहा है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि तापमान के बढ़ने के साथ ही लोगों में चिड़चिड़ापन, तनाव और हिंसक प्रवृत्तियाँ भी बढ़ रही हैं।
गर्मी से गुस्सा और गुस्से से गड़बड़ी
दिल्ली के मनोचिकित्सक डॉ. वंदना शर्मा के अनुसार, “जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है, तब हमारे मस्तिष्क में तनाव हार्मोन का स्तर भी बढ़ता है। ऐसे में व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगता है।”
बीते हफ्ते दिल्ली और मुंबई में सड़क झगड़ों और घरेलू हिंसा की घटनाओं में 18% तक इजाफा दर्ज किया गया है।
हीट वेव का मानसिक प्रभाव – नींद से लेकर निर्णय तक
विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक तापमान के चलते लोगों की नींद पर भी असर पड़ रहा है। खराब नींद के चलते मूड स्विंग, निर्णय लेने में गड़बड़ी, और एकाग्रता की कमी जैसी समस्याएँ सामने आ रही हैं।
भोपाल निवासी रजनीकांत वर्मा, जो एक निजी कंपनी में मैनेजर हैं, बताते हैं, “गर्मी में दिमाग बिल्कुल साथ नहीं देता। छोटी-छोटी बात पर स्टाफ से झुंझलाहट हो जाती है। घर लौटने पर भी सब कुछ बोझ लगता है।”बच्चे और बुजुर्ग भी प्रभावित
हीट वेव के चलते बच्चों में चिड़चिड़ापन और भूख में कमी देखी जा रही है। वहीं बुजुर्गों में बेचैनी और संवादहीनता बढ़ी है।
भोपाल की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चना सक्सेना कहती हैं, “गर्मी बच्चों को मानसिक रूप से थका देती है, जिससे उनका व्यवहार बदलता है।”अपराध दर में बढ़ोतरी
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 की हीट वेव के दौरान मारपीट, सड़क दुर्घटनाएँ, और घरेलू हिंसा में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई थी। वर्ष 2025 में भी वही रुझान दोहराए जाने की संभावना जताई जा रही है।
हीट वेव से स्वभाव बदलने के प्रमुख कारण
शरीर का तापमान बढ़ने से मस्तिष्क पर तनाव
नींद में कमी से चिड़चिड़ापन
भीड़भाड़, ट्रैफिक और बिजली कटौती जैसी समस्याएँ
पानी की कमी और पसीने से उपजे असहजता
कामकाज की क्षमता में गिरावट से उत्पन्न मानसिक दबाव
स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सलाह जारी की है कि लोग अधिक से अधिक पानी पिएं, हल्के रंग के कपड़े पहनें, और तेज धूप से बचें। साथ ही, बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की अपील की गई है।
मानव स्वभाव में बदलाव: शोधकर्ताओं की चेतावनी
अंतरराष्ट्रीय जर्नल ‘Nature Climate Change’ में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, जैसे-जैसे धरती गर्म होती जा रही है, वैसे-वैसे इंसानी समाज में सहिष्णुता घटती और हिंसक प्रवृत्तियाँ बढ़ती जा रही हैं। शोध में कहा गया है कि “मानव सभ्यता का मानसिक संतुलन अब मौसम से जुड़ता जा रहा है।”
हीट वेव अब केवल स्वास्थ्य या पर्यावरणीय संकट नहीं रह गया है, बल्कि यह हमारे मानव व्यवहार और समाज की भावनात्मक स्थिरता को भी चुनौती दे रहा है।

“गर्मी अब सिर्फ तापमान नहीं बढ़ा रही, इंसानों का मिज़ाज भी बिगाड़ रही है।
जानिए कैसे हीट वेव बदल रही है हमारा व्यवहार।
#HeatWave2025 #गर्मी_का_गुस्सा #MentalHealthInHeat”

कैलाश पाण्डेय

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