किसान को एक किलो गोभी की कीमत 50 रुपये मिली तो उसमें पूंजी, मेहनत और समय शामिल है, और वही गोभी अढ़तिया से फुटकर बाजार में पहुंचा तो दुकानदार ने कीमत 100 से 120 रुपये तय कर दिया। यानी हर्रा लगा फिटकरी और रंग चोखा।
सब्जी मंडी में सुबह से आसपास गांव के किसान सब्जी लेकर पहुंचे तो अढ़तिया द्वारा किसानों से सब्जी की थोक में खरीदी की गई। इस दौरान गोभी 50 रुपये प्रति किलो,भांटा 15 रुपये, भिंडी 15 रुपये व बरबटी 20 रुपये प्रति किलो की दर पर खरीदी गई।
खास बात यह है कि किसानों के हाथ से सब्जी के निकलने के बाद जैसे ही फुटकर बाजार में पहुंची तो दाम अचानक दोगुना हो गया। सब्जियों की आसमान कीमतों से आम उपभोक्ता बेहद परेशान हैं। जानकर ताज्जुब होगा कि सब्जी की बढ़ी कीमतों का लाभ भी किसानों को नहीं मिल रहा है। किसानों से औने-पौने दाम पर सब्जी खरीद कर बिचौलिए कई गुना मुनाफा कमा रहे हैं और इसका खामियाजा आम उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।

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Kailash Pandey
Anuppur (M.P.)

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