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वन नेशन, वन आईडी योजना क्या है, क्यों इसे छात्रों का आधार कहते है

वन नेशन, वन आईडी  योजना क्या है, क्यों इसे छात्रों का आधार कहते है

‘ऑटोमेटेड परमानेंट अकादमिक अकाउंट रजिस्ट्री’ (आपार APAAR) यह एक एजुकेशन इकोसिस्टम रजिस्ट्री या एडुलॉकर है। ये पूरी तरह से आधार कार्ड की तरह होगा। ये 12 नंबरों का एक यूनिक कोड होगा। सभी स्टूडेंट्स का यूनिक आईडी होगा और ये स्कूल बदलने पर भी वही रहेगा। इस यूनिक आईडी से किसी भी स्टूडेंट की पूरी जानकारी निकाली जा सकती है।

“वन नेशन, वन आईडी” योजना का उद्देश्य भारत में सभी नागरिकों को एक ही पहचान प्रणाली के तहत लाना है, ताकि वे सभी सरकारी सेवाओं और लाभों का उपयोग आसानी से कर सकें। हालांकि, यदि इस पहल को स्कूल जाने वाले बच्चों, विशेष रूप से कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए लागू किया गया है, तो इसके पीछे कई प्रमुख उद्देश्य हो सकते हैं। इस योजना का विस्तृत विवरण निम्नलिखित है:

उद्देश्य और आवश्यकता

वन नेशन, वन आईडी बच्चों के लिए इस योजना का मुख्य उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को अधिक संगठित, पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। भारत जैसे विशाल देश में शिक्षा प्रणाली की चुनौतियाँ बहुत हैं, जिसमें बच्चों की नामांकन स्थिति, परीक्षा के परिणाम, और विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ जैसे मुद्दे शामिल हैं। एकीकृत आईडी प्रणाली से सरकार और शिक्षा विभाग के लिए छात्रों के रिकॉर्ड को बेहतर तरीके से प्रबंधित करना और उन्हें ट्रैक करना आसान हो जाएगा।

  1. बच्चों की पहचान को सरल बनाना:

कक्षा 9से 12 तक के छात्रों के लिए वन नेशन, वन आईडी का उपयोग उनके पूरे शैक्षणिक जीवन के दौरान उनके सभी रिकॉर्ड को सहेजने के लिए किया जाएगा। यह एक स्थायी पहचान होगी, जिससे बच्चों के नामांकन, स्कूलों के बीच ट्रांसफर, और परीक्षा परिणामों का सही डेटा रखना आसान होगा।

  1. शिक्षा प्रणाली का एकीकरण:

छात्रों के लिए एक एकीकृत आईडी का होना शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता लाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसी भी छात्र को सरकारी लाभ, जैसे स्कॉलरशिप, किताबें, या अन्य सुविधाओं से वंचित न किया जाए। सरकार के लिए यह देखना आसान होगा कि कितने बच्चे वास्तव में शिक्षा का लाभ उठा रहे हैं।

  1. डुप्लिकेट और फर्जी नामांकन को रोकना:

कई बार देखा गया है कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए एक ही बच्चे का नामांकन एक से अधिक स्कूलों में किया जाता है, जिससे फर्जी नामांकन का खतरा होता है। वन आईडी से ऐसे फर्जी नामांकन और डुप्लिकेट पहचान को रोका जा सकेगा।

  1. सरकारी योजनाओं की आसान निगरानी:

सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं का प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित करना इस योजना का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य है। वन आईडी के माध्यम से यह देखना आसान होगा कि किन छात्रों को किस योजना का लाभ मिल रहा है, और यदि कोई योजना सही तरीके से क्रियान्वित नहीं हो रही है तो उसे समय पर ठीक किया जा सकेगा।

योजना के प्रमुख लाभ

  1. शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता:

छात्रों के रिकॉर्ड का एकीकृत डेटाबेस होने से स्कूलों और सरकारी एजेंसियों के बीच डेटा का आदान-प्रदान सुगम हो जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोई भी छात्र शिक्षा के अधिकार या अन्य लाभों से वंचित न रह जाए।

  1. सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन:

सरकार विभिन्न योजनाओं, जैसे कि मिड-डे मील, छात्रवृत्ति, और मुफ्त पाठ्यपुस्तकों के वितरण के लिए इस एकल पहचान का उपयोग करेगी। इससे योजनाओं का सही-सही क्रियान्वयन हो सकेगा और किसी भी प्रकार की धांधली से बचा जा सकेगा।

  1. डिजिटल शिक्षा का समर्थन:

इस आईडी का उपयोग छात्रों की डिजिटल शिक्षा के लिए भी किया जा सकता है। जैसे-जैसे डिजिटल शिक्षा का प्रसार बढ़ रहा है, यह आईडी छात्रों को विभिन्न ई-लर्निंग प्लेटफार्मों और सरकारी शैक्षिक पोर्टलों तक पहुँचने की अनुमति देगी। इससे शिक्षा में डिजिटल विभाजन को कम करने में मदद मिलेगी।

  1. पोर्टेबिलिटी और आसानी:

वन नेशन, वन आईडी के माध्यम से छात्र कहीं भी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं और उनके शिक्षा से जुड़े सभी रिकॉर्ड्स को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। यदि कोई छात्र एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित होता है, तो उसकी शिक्षा का रिकॉर्ड और अन्य जानकारियाँ उसके साथ आईडी के माध्यम से जुड़ी रहेंगी।

  1. शिक्षा में अनुसरण और ट्रैकिंग:

सरकार और स्कूल प्रशासन के लिए छात्रों के शिक्षा के प्रति रूचि और उनकी प्रगति को ट्रैक करना आसान हो जाएगा। इससे सरकार को यह भी समझने में मदद मिलेगी कि किस क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने की आवश्यकता है।

चुनौतियाँ और संभावनाएँ

हालांकि, वन नेशन, वन आईडी की यह योजना बहुत लाभकारी है, लेकिन इसके लागू होने के साथ कुछ चुनौतियाँ भी हैं।

  1. डेटा गोपनीयता और सुरक्षा:

छात्रों का निजी डेटा सरकार के पास रहेगा, जिससे गोपनीयता संबंधी चिंताएँ उत्पन्न हो सकती हैं। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि छात्रों का डेटा पूरी तरह से सुरक्षित हो और इसका दुरुपयोग न हो।

  1. प्रौद्योगिकी का सही उपयोग:

देश के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में जहां तकनीकी संसाधनों की कमी है, वहां इस योजना को लागू करना कठिन हो सकता है। इसे लागू करने के लिए मजबूत आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता होगी।

  1. सभी छात्रों का समावेश:

यह सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है कि देश के हर कोने में सभी छात्र इस योजना के अंतर्गत आ सकें। विशेष रूप से गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को इस आईडी प्रणाली से जोड़ने में प्रशासनिक और तकनीकी बाधाएं हो सकती हैं।

निष्कर्ष

वन नेशन, वन आईडी योजना शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है, खासकर कक्षा 9से 12 तक के छात्रों के लिए। यह न केवल शिक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि छात्रों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में भी मदद करेगा। हालांकि, इस योजना को सफल बनाने के लिए प्रौद्योगिकी, डेटा सुरक्षा और समावेश जैसे क्षेत्रों में चुनौतियों का समाधान करना होगा।

इस एकल पहचान प्रणाली से शिक्षा प्रणाली में सुधार और सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन की दिशा में बड़े कदम उठाए जा सकते हैं

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