
सभागार में आयोजित राजस्व अधिकारियों की बैठक में जैतहरी, अनूपपुर तथा कोतमा तहसीलों में लंबित राजस्व प्रकरणों की विस्तृत समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि संबंधित हल्कों के पटवारियों द्वारा नामांतरण एवं बंटवारे के प्रकरणों के निराकरण में गंभीर लापरवाही बरती जा रही है तथा प्रकरण लंबे समय से लंबित पड़े हुए हैं।
समीक्षा में प्राप्त जानकारी के अनुसार
हल्का जैतहरी के पटवारी श्री रामबदन चौधरी के क्षेत्र में नामांतरण के 64 तथा बंटवारा के 30 प्रकरण,
हल्का सेंदुरी की पटवारी श्रीमती प्रियंका सोनी के क्षेत्र में नामांतरण के 16 तथा बंटवारा के 6 प्रकरण,
हल्का देवगवां के पटवारी श्री सतेन्द्र विश्वकर्मा के क्षेत्र में नामांतरण के 13 तथा बंटवारा के 5 प्रकरण लंबित पाए गए।
इन प्रकरणों के निराकरण के लिए संबंधित पटवारियों द्वारा कोई सकारात्मक एवं प्रभावी प्रयास नहीं किए गए, जो पदीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता को दर्शाता है। यह आचरण मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 एवं मूलभूत नियमों का उल्लंघन है।
उक्त परिस्थितियों को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9 के अंतर्गत तीनों पटवारियों
श्री रामबदन चौधरी (जैतहरी), श्रीमती प्रियंका सोनी (सेंदुरी) तथा श्री सतेन्द्र विश्वकर्मा (देवगवां) — को निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैं।
निलंबन अवधि में तीनों पटवारियों के मुख्यालय इस प्रकार नियत किए गए हैं
पटवारी श्री चौधरी — कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनुभाग जैतहरी
पटवारी श्रीमती सोनी — कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनुभाग अनूपपुर
पटवारी श्री विश्वकर्मा — कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनुभाग कोतमा
निलंबन अवधि में तीनों पटवारियों को नियमों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा।



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