
टीकमगढ़, मध्यप्रदेश।
शहर में देर रात एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जहां सड़कों पर ‘पकड़ो-पकड़ो’ की आवाज़ें गूंज रही थीं। आगे-आगे भाग रहा व्यक्ति कोई अपराधी नहीं, बल्कि कोतवाली थाने में पदस्थ आरक्षक पंकज यादव था, जबकि उसके पीछे-पीछे उसे पकड़ने के लिए लोकायुक्त सागर की टीम दौड़ रही थी।
मामला टीकमगढ़ कोतवाली थाना क्षेत्र का है, जहां टीआई ब्रजेन्द्र चचोदिया पर आरोप है कि उन्होंने आरक्षक पंकज यादव के माध्यम से अंकित तिवारी नामक युवक से जमानत कराने के एवज में 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। शिकायतकर्ता पहले ही 8 हजार रुपए दे चुका था और शेष 12 हजार रुपए की डिलीवरी के लिए बुधवार रात कलेक्ट्रेट के पास नीलकमल होटल का स्थान तय हुआ था।
लोकायुक्त टीम पहले से ही मौके पर मौजूद थी। जैसे ही शिकायतकर्ता ने 12 हजार रुपए आरक्षक को दिए और उसने नोट अपनी जैकेट में रखे, लोकायुक्त ने उसे रंगे हाथों पकड़ने की कोशिश की। लेकिन आरक्षक ने धक्का-मुक्की कर अंधेरे का फायदा उठाया और मौके से भाग निकला। टीम ने काफी तलाश की, लेकिन वह नहीं मिला।
भागने के दौरान आरक्षक की जैकेट लोकायुक्त के हाथ लग गई, जिसमें रिश्वत की रकम बरामद हुई। वहीं उसकी कार भी मौके से जब्त कर ली गई।
लोकायुक्त पुलिस सागर ने इस पूरे मामले में टीआई ब्रजेन्द्र चचोदिया और आरक्षक पंकज यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई दर्ज कर ली है।



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