
भोपाल, मध्य प्रदेश परिवहन विभाग ने प्रदेशभर में संचालित पुरानी बसों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 15 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी बस श्रेणी के वाहनों के संचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग द्वारा जारी इस आदेश में साफ कहा गया है कि ऐसी बसें, जिनकी आयु 15 वर्ष से अधिक हो चुकी है, अब सार्वजनिक सड़कों पर नहीं चल सकेंगी, क्योंकि वह तकनीकी रूप से अवैध और यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुकी हैं।
इंदौर, रीवा, शहडोल ,ग्वालियर, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर और सागर जैसे प्रमुख संभागों में RTA द्वारा जारी मॉड्यूल गाड़ी परिचिति सूची में कुल 899 से अधिक बसें चिन्हित की गई हैं, जिनमें से कई बसों की निर्धारित आयु पूरी हो चुकी है। विभाग का कहना है कि इन बसों का फिटनेस प्रमाण-पत्र भी वैध नहीं है, जिसके चलते दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।
निर्देशों में यह भी उल्लेख है कि यदि कोई संचालक प्रतिबंधित श्रेणी की बसों का संचालन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। यह कदम प्रदेश में आमजन की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
परिवहन विभाग ने क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने संभागों में इन बसों का संचालन रोकने, सूचीबद्ध वाहनों की जांच करने और आवश्यक कार्यवाही करने में कोई ढिलाई न बरतें।
यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सरकार के इस निर्णय का व्यापक असर देखने को मिलेगा और उम्मीद है कि इससे ‘खटारा बसों’ का संचालन पूरी तरह थम जाएगा।
यह आदेश जारी होते ही बस संचालकों में हलचल तेज हो गई है, जबकि यात्रियों ने इसे सुरक्षित यात्रा के लिए स्वागत योग्य कदम बताया है।



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