
उज्जैन।
जहाँ दीपावली की रात हर घर रोशनी से जगमगा रही थी, वहीं उज्जैन के हामूखेड़ी कुष्ठधाम में भी इस बार कुछ अलग उजाला था — संवेदना का, अपनत्व का और मानवीय करुणा का।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी जन्मभूमि उज्जैन में कुष्ठ रोगियों के बीच पहुँचकर दीपावली मनाई। उन्होंने स्वयं दीप प्रज्वलित किए, मिठाइयाँ बाँटीं, पटाखे जलाए और अपने हाथों से उपहार वितरित किए।
मुख्यमंत्री ने कहा, “दीपावली केवल दीपों का त्योहार नहीं, बल्कि मनुष्यता और एकता का पर्व है। इन दीपों की ज्योति उन सबके जीवन में भी उजाला भर दे जो समाज से दूर रह गए हैं।”
कुष्ठधाम के निवासियों के चेहरे पर उस समय मुस्कान थी जब मुख्यमंत्री ने उनके साथ बैठकर दीपक सजाए और बच्चों के साथ पटाखे जलाए। यह दृश्य किसी भावनात्मक फिल्म के चरम दृश्य जैसा था — सच्ची करुणा और साझा आनंद से भरा हुआ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समाज के हर वर्ग के साथ त्योहारों की खुशियाँ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध है। कुष्ठधाम में की गई यह दिवाली केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के जनसेवी दृष्टिकोण और मानवीय हृदय की झलक थी।
“जब हम उन लोगों के जीवन में उजाला फैलाते हैं, जिनके जीवन में अंधेरा रहा है, तभी दीपावली का सच्चा अर्थ साकार होता है।” — डॉ. मोहन यादव
कुष्ठधाम के निवासियों ने भी मुख्यमंत्री को शुभकामनाएँ दीं और कहा कि यह दीपावली उनके जीवन की सबसे यादगार दिवाली रही।



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