
भोपाल/अनूपपुर
दीपावली पर्व के मद्देनज़र प्रदेश में खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए फूड कंट्रोलर मध्यप्रदेश ने सभी जिलों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। फूड कंट्रोलर दिनेश श्रीवास्तव (IAS) ने राज्य के सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर दूध, मावा, पनीर, मिठाई, तेल, मसाले और नमकीन जैसे खाद्य पदार्थों की संघन जांच के आदेश दिए हैं।
इस अभियान के तहत सभी खाद्य प्रतिष्ठानों का शत-प्रतिशत निरीक्षण करने, नमूना जांच के लिए मोबाइल लैब और मैजिक बॉक्स की सहायता लेने तथा मौके पर मिलावट पाए जाने पर तुरंत जप्ती व नष्ट करने की कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं।
फूड कंट्रोलर ने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को यह भी कहा है कि मावा-पनीर निर्माण स्थलों, ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज पॉइंट्स पर विशेष निगरानी रखी जाए, ताकि दीपावली के दौरान मिलावटी मावा व मिठाइयों की बिक्री पर रोक लग सके।
साथ ही नमूना जांच के समय वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दी गई है, ताकि किसी भी स्तर पर जांच में हेरफेर न हो सके।
ग्वालियर-चंबल में सख्ती, पर अनूपपुर में सन्नाटा
जहाँ ग्वालियर, चंबल और भोपाल संभाग में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सक्रिय होकर मिठाई और दूध के सैंपल ले रहे हैं, वहीं अनूपपुर जिला इस मामले में लगातार सुर्खियों से गायब है।
जिले में औषधि एवं खाद्य विभाग का कोई स्पष्ट प्रभारी अधिकारी मौजूद नहीं है, जिससे मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं।
अनूपपुर और आसपास के इलाकों में मिलावटी दूध, पनीर, खोवा, तेल और मसाले खुलेआम बिक रहे हैं। कई मिठाई दुकानों पर खुले खोवे और बिना ब्रांडेड घी का इस्तेमाल किया जा रहा है, पर विभाग की तरफ से न तो जांच टीम उतरी है, न ही किसी प्रतिष्ठान पर छापेमारी की खबर सामने आई है।
स्थानीय व्यापारियों और उपभोक्ताओं का कहना है कि विभागीय लापरवाही के चलते दीपावली पर मिलावटी मिठाई और खाद्य तेल बाजार में आसानी से पहुंच रहे हैं।
कई बार शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ गई है
खाद्य सुरक्षा का सवाल
प्रदेश स्तर पर जहाँ “मिलावट से मुक्ति अभियान” जोर-शोर से चलाया जा रहा है, वहीं अनूपपुर में यह अभियान कागज़ों में ही सीमित नजर आता है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि खाद्य सुरक्षा का दायित्व संभालने वाला अधिकारी न तो जांच कर रहा है, न ही जनजागरूकता अभियान चला रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, मिलावटी दूध और मावा में यूरिया, डिटर्जेंट, सिंथेटिक मिल्क पाउडर और हानिकारक तेलों का प्रयोग आम है, जो सीधे तौर पर लिवर और किडनी पर असर डालते हैं।
इसलिए दीपावली के दौरान सरकारी सख्ती और जन-जागरूकता दोनों जरूरी हैं अनूपपुर जिला प्रशासन तत्काल खाद्य एवं औषधि निरीक्षण दल गठित करे, और प्रमुख बाजारों — अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा, बिजुरी और अमरकंटक — में मिठाई व डेयरी उत्पादों की जांच कराए।
दीपावली की मिठास अगर सुरक्षित रखनी है, तो मिलावटखोरी पर कार्रवाई जरूरी है।




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