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शहडोल में लोकायुक्त का बड़ा एक्शन — धनपुरी नगर पालिका में रिश्वतखोरी का भंडाफोड़, एआरआई रंगे हाथों गिरफ्तार

शहडोल में लोकायुक्त का बड़ा एक्शन — धनपुरी नगर पालिका में रिश्वतखोरी का भंडाफोड़, एआरआई रंगे हाथों गिरफ्तार



धनपुरी/शहडोल।
शहडोल संभाग में फैले भ्रष्टाचार पर लोकायुक्त रीवा की टीम ने बड़ा प्रहार किया है। धनपुरी नगर पालिका में भवन निर्माण स्वीकृति के नाम पर 10 हजार रुपये की मांग करने वाले सहायक उप निरीक्षक (राजस्व) इंद्र बहादुर सिंह (आई.बी. सिंह) को 3 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।

लोकायुक्त की 15 सदस्यीय टीम ने गुरुवार को नगर पालिका परिसर में दबिश दी और मौके से रिश्वत की रकम बरामद की। इस मामले में नगर पालिका के कर्मचारी रज्जन चौधरी की संलिप्तता भी पाई गई है। दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

भवन स्वीकृति के नाम पर घूस का खेल

जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता ने अपने भवन निर्माण की स्वीकृति के लिए आवेदन दिया था, लेकिन फाइल को जानबूझकर लंबित रखा गया। इस बीच संबंधित अधिकारी और कर्मचारी ने 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। परेशान होकर शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त रीवा में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत की पुष्टि के बाद ट्रैप ऑपरेशन चलाया गया और जैसे ही आरोपी ने 3 हजार रुपये की रकम स्वीकार की, टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।

नगर पालिका में हड़कंप, कई कर्मचारी फरार

लोकायुक्त की दबिश की खबर फैलते ही नगर पालिका परिसर में अफरा-तफरी मच गई। कई कर्मचारी फाइलें छोड़कर दफ्तर से गायब हो गए।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि धनपुरी नगर पालिका में लंबे समय से भवन स्वीकृति, नामांतरण, टैक्स निर्धारण और प्रमाण पत्र जारी करने में रिश्वतखोरी का चलन रहा है।

“धनपुरी में बिना पैसे दिए कोई काम नहीं होता था। लोकायुक्त की कार्रवाई से जनता को राहत मिली है।”  स्थानीय नागरिक


लोकायुक्त की सख्ती — संभाग में हड़कंप

लोकायुक्त रीवा की यह कार्रवाई न केवल धनपुरी, बल्कि पूरे शहडोल संभाग की नगरपालिकाओं में अफरातफरी का वातावरण पैदा कर रही है।

जनता की प्रतिक्रिया

धनपुरी नगर पालिका में की गई कार्रवाई को लेकर नागरिकों और व्यापारी संगठनों ने लोकायुक्त टीम का आभार व्यक्त किया है।
सोशल मीडिया पर भी यह खबर तेजी से वायरल हुई और लोगों ने इसे “जनता की जीत” बताया।

संभागीय भ्रष्टाचार की जड़ें

शहडोल संभाग की कई नगरपालिकाओं में भवन अनुज्ञा, ठेकेदारी भुगतान, सफाई व्यवस्था और राजस्व वसूली में भ्रष्टाचार की शिकायतें लगातार बढ़ी हैं।
धनपुरी प्रकरण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार अब ‘रूटीन फीस’ की तरह संस्थागत रूप ले चुका है।

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