
अनूपपुर, 22 सितम्बर 2025।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) 2013 की पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत करने की दिशा में अनूपपुर जिले में एक बड़ा कदम उठाया गया है। जिला प्रशासन द्वारा की गई विस्तृत पड़ताल में 1511 अपात्र हितग्राही सामने आए हैं, जो वर्षों से अवैध रूप से सब्सिडी वाले खाद्यान्न का लाभ उठा रहे थे।
डेटा मिलान से उजागर हुई गड़बड़ी
भारत सरकार ने हाल ही में आयकर विभाग, अप्रत्यक्ष कर बोर्ड और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से प्राप्त डाटा को NFSA के लाभार्थियों से मिलाया। इसमें पाया गया कि –
1362 हितग्राहियों की वार्षिक आय 6 लाख रुपये से अधिक है।
140 हितग्राही पंजीकृत कंपनियों में निदेशक पद पर कार्यरत हैं।
9 हितग्राही ऐसे हैं जिनका कारोबार 25 लाख रुपये से अधिक है और वे जीएसटी करदाता हैं।
स्पष्ट है कि ये सभी 29 श्रेणियों में निर्धारित पात्रता से बाहर आते हैं। इसके बावजूद ये परिवार गरीब और जरूरतमंदों के हिस्से का अनाज वर्षों से उठा रहे थे।
नोटिस जारी, तीन दिन में जवाब मांगा
जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमती अनीता सोरते ने बताया कि सभी अपात्र पाए गए व्यक्तियों को विक्रेता के माध्यम से कारण बताओ सूचना पत्र भेजा गया है।
“संबंधित हितग्राही तीन दिवस के भीतर कलेक्ट्रेट स्थित खाद्य विभाग कार्यालय में अपना जवाब प्रस्तुत करें। ऐसा न करने पर उनकी पात्रता पर्ची निरस्त कर दी जाएगी।” अनीता सोरते, जिला आपूर्ति अधिकारी
गरीबी रेखा (BPL) कार्डों की जांच की मांग
सिर्फ पात्रता पर्ची निरस्त करने तक ही सीमित कार्रवाई से संतोष नहीं जताया जा रहा। स्थानीय सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने जिला प्रशासन से यह भी मांग की है कि –
गरीबी रेखा (BPL) राशन कार्डों की गहन जांच हो।
जिन परिवारों की वास्तविक आय सीमा से बाहर है, उनके कार्ड तुरंत रद्द किए जाएँ।
नकली व फर्जी दस्तावेज़ों से बने कार्डों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
एक सामाजिक कार्यकर्ता का कहना था
“अक्सर देखा गया है कि सम्पन्न वर्ग के लोग राजनीतिक या प्रशासनिक सांठगांठ से बीपीएल कार्ड बनवा लेते हैं। नतीजतन, वास्तविक गरीब परिवारों को उनका हक नहीं मिल पाता। अब जब सरकार ने पात्रता पर्चियों की जांच शुरू की है तो इसे बीपीएल कार्डों तक भी विस्तार देना चाहिए।”
प्रशासन की कार्ययोजना की शुरुआत
सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन अब दोहरी रणनीति पर काम कर रहा है साथ ही फर्जी तरीके से लिए गए लाभ की रिकवरी करना
अल्पकालिक कार्रवाई – अपात्र पाए गए सभी व्यक्तियों की पात्रता पर्ची निरस्त करना।
दीर्घकालिक सुधार – सभी कार्डधारियों का आयकर, बैंकिंग और व्यवसायिक डाटा से समय-समय पर मिलान करना, ताकि फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाया जा सके।
गरीबों को राहत पात्रता पर्ची और बीपीएल कार्ड केवल वास्तविक जरूरतमंदों को मिलने से गरीब परिवारों तक अनाज और सब्सिडी सही तरीके से पहुंचेगी।
प्रशासनिक पारदर्शिता विभागीय छवि सुधरेगी और जनविश्वास बढ़ेगा।
अनूपपुर जिले में अपात्र हितग्राहियों की पहचान और कार्रवाई यह साबित करती है कि सरकार अब खाद्यान्न वितरण प्रणाली में किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि पात्रता पर्चियों के साथ-साथ गरीबी रेखा वाले राशन कार्डों की गहन जांच ही वह निर्णायक कदम होगा जिससे यह व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी हो सकेगी और वास्तविक जरूरतमंदों तक ही अनाज पहुंचेगा।



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