
अनूपपुरवासियों को 15 अगस्त 2026 को ही मिलेगा रेलवे ओवरब्रिज का तोहफ़ा, मार्च तक रेलवे का काम और 6 माह बाद सेतु निगम करेगा फाइनल
अरविंद बियानी, अनूपपुर।
अनूपपुर को दो हिस्सों में बाँटने वाले रेलवे फाटक पर बन रहा रोड ओवरब्रिज अब 15 अगस्त 2026 को ही जनता के लिए शुरू हो सकेगा। तकरीबन सात साल से चले आ रहे शिलान्यास, भूमिपूजन और आश्वासनों के बाद अब रेलवे के आधिकारिक पत्र से स्थिति साफ हो गई है। रेलवे विभाग ने स्पष्ट किया है कि निर्माणाधीन बी.के.-61 रोड ओवरब्रिज का काम मार्च 2026 तक पूरा होने की संभावना है। इसके बाद सेतु निगम को अंतिम कार्य के लिए कम से कम छह माह और चाहिए, जिसके बाद 15 अगस्त 2026 को आवागमन प्रारंभ होगा।
सात वर्षों से सुस्त रफ्तार में अटका निर्माण
इस ओवरब्रिज को लेकर कई बार भूमि पूजन और शुभारंभ हुए—कभी मंत्री तो कभी मुख्यमंत्री की मौजूदगी में। लेकिन टेंडर प्रक्रिया से लेकर नक्शे में हुए बार-बार बदलाव ने कार्य की गति को रोक दिया। ठेकेदार ने काम तेजी से नहीं बढ़ाया और महँगाई बढ़ने के साथ निर्माण और धीमा पड़ गया।
नेतागीरी और आंदोलन बेअसर
बीच-बीच में आंदोलन, ज्ञापन, निरीक्षण और नेताओं के बयानबाजी से माहौल गर्म होता रहा, लेकिन निर्माण की रफ्तार जस की तस रही। कलेक्टर से लेकर मंत्री तक ने निरीक्षण किए, फिर भी ज़मीनी हकीकत नहीं बदली। अब रेलवे की चिट्ठी ने तस्वीर साफ कर दी है कि 2026 के पहले पुल का उद्घाटन संभव नहीं है।
जिले की परेशानियाँ और जमीनी असर
अनूपपुर जिले के लोगों को इस अधूरे ओवरब्रिज की वजह से भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। बाज़ार की रौनक समाप्त हो चुकी है और लोगों को 5 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर काटकर जिला अस्पताल, कोर्ट, तहसील, एसडीएम कार्यालय, स्कूल-कॉलेज और अन्य स्थानों पर पहुँचना पड़ रहा है।
यह भी एक संयोग है कि 15 अगस्त 2003 को शहडोल से अलग होकर अनूपपुर जिले का गठन हुआ था और अब ठीक 23 साल बाद 15 अगस्त 2026 को जिले को रेलवे ओवरब्रिज की सौगात मिलने की संभावना जताई जा रही है ।
अब और आंदोलन व्यर्थ
जिला विकास मंच के संयोजक वासुदेव चटर्जी द्वारा बिलासपुर रेलवे अधिकारियों को लिखे पत्र के जवाब ने स्थिति पूरी तरह स्पष्ट कर दी है। जब तक रेलवे अपना काम मार्च 2026 तक पूरा नहीं करता, सेतु निगम आगे नहीं बढ़ पाएगा। ऐसे में 15 अगस्त 2026 से पहले पुल का शुभारंभ असंभव है।



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