
प्रभारी प्राचार्य एल.डी. द्विवेदी ने कहा – “यह आदेश की खुली अवहेलना है”
अनूपपुर/चचाई।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चचाई में इन दिनों कुर्सी की जंग छिड़ी हुई है। विभागीय आदेश साफ़-साफ़ कहता है कि व्याख्याता एल.डी. द्विवेदी को प्रभारी प्राचार्य का दायित्व सौंपा गया है, लेकिन पूर्व प्राचार्य फानूस जमाल ने न केवल आदेश मानने से इंकार कर दिया है, बल्कि कुर्सी से हटने को भी तैयार नहीं हैं। आदेश साफ – फिर भी कब्ज़ा बरकरार
कलेक्टर जनजातीय कार्य विभाग अनूपपुर ने आदेश क्र. 1/445783/2025 दिनांक 20 अगस्त 2025 के तहत एल.डी. द्विवेदी को चचाई विद्यालय का प्रभारी प्राचार्य नियुक्त किया। द्विवेदी ने 21 अगस्त की शाम 3:30 बजे संस्था में उपस्थिति दर्ज कर आदेश का पालन भी किया।लेकिन दूसरी तरफ, विभाग की स्थानांतरण नीति 2025 के तहत फानूस जमाल को कार्यमुक्त कर उनके मूल संस्थान चांदपुर भेज दिया गया था। इसके बावजूद वे चचाई में ही डटी हुई हैं।
सवालों के घेरे में विभाग
विद्यालय में खींचतान अब सवाल खड़े कर रही है कि क्या विभागीय आदेश केवल कागज़ तक सीमित रहेंगे?या फिर फानूस जमाल को सत्ता या किसी अदृश्य दबाव का संरक्षण प्राप्त है?
आख़िर कब तक विभाग मौन रहेगा और आदेशों की साख गिरती रहेगी?

द्विवेदी का आरोप
प्रभारी प्राचार्य एल.डी. द्विवेदी का कहना है कि “पूर्व प्राचार्य के अड़ियल रवैये से विद्यालय की शैक्षिक व प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। यह विभागीय आदेश की खुली अवहेलना है और तत्काल कार्यवाही ज़रूरी है।”
स्थिति गंभीर – विभाग की साख दांव पर
अब यह विवाद सिर्फ प्रभार विवाद नहीं रहा, बल्कि यह मामला ‘सत्ता-प्रभाव बनाम विभागीय नियम’ का रूप ले चुका है। यदि विभाग ने तुरंत हस्तक्षेप कर सख्त कदम नहीं उठाए, तो न केवल विद्यालय की कार्यप्रणाली ठप होगी, बल्कि जनजातीय कार्य विभाग की साख पर भी सवाल खड़े होंगे। क्यों जनजाति विभाग की सहायक आयुक्त के द्वारा अभी तक उन पर कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की गई



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