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दो चिराग बुझ गए… लेकिन सवाल अब भी जल रहे हैं लापरवाही नहीं, यह हत्या है!
सीवरेज हादसे पर शहडोल कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष

दो चिराग बुझ गए… लेकिन सवाल अब भी जल रहे हैं लापरवाही नहीं, यह हत्या है!सीवरेज हादसे पर शहडोल कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष

आजाद बहादुर सिंह की प्रेस विज्ञप्ति — जिम्मेदार अफसरों और ठेकेदार कंपनी पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग

शहडोल, 24 जुलाई 2025

“मासूम आदिवासी मजदूरों की मौत कोई हादसा नहीं, प्रशासनिक और परियोजनागत लापरवाही से हुई साजिशन हत्या है”,
यह बयान है कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष श्री आजाद बहादुर सिंह का, जो उन्होंने सीवरेज लाइन धंसने से दो बैगा आदिवासी मजदूरों की मौत के मामले में जारी अपनी प्रेस विज्ञप्ति में दिया है।

आजाद बहादुर सिंह का गंभीर आरोप

“एमपीयूडीसी (MPUDC) और स्नेहल कंस्ट्रक्शन कंपनी की आपराधिक लापरवाही ने दो आदिवासी परिवारों के घर के चिराग बुझा दिए। प्रोजेक्ट मैनेजर विजय सिंह एवं जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों पर धारा 106 नहीं, बल्कि गैर इरादतन हत्या की धारा के अंतर्गत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।”

उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति में साफ कहा कि

यह केवल एक अभियंता की लापरवाही नहीं, बल्कि एक सुव्यवस्थित ठेकेदार-प्रशासन गठजोड़ का परिणाम है।

यदि प्रोजेक्ट मैनेजर विजय सिंह ने 15 जुलाई को निरीक्षण में जोखिम भरा कार्य लिखा था, तो 17 जुलाई को वह कार्य क्यों जारी रहा?

कार्य को रोका क्यों नहीं गया?

बिना सुरक्षा उपकरण के नए मजदूरों को 20 फीट गहरे गड्ढे में क्यों उतारा गया?

जनता के जीवन से बड़ा नहीं कोई ठेका — श्री सिंह

श्री आजाद बहादुर सिंह ने कहा कि कंपनी ने जानबूझकर मिट्टी का ढेर गड्ढे के पास रखा, ताकि ट्रांसपोर्ट खर्च न हो और ठेकेदार का लाभ बना रहे, लेकिन इसके बदले में दो गरीब बैगा आदिवासी मजदूरों की ज़िंदगियां चली गईं। उन्होंने सवाल उठाया कि—
क्या मुनाफा मजदूरों की जान से ज्यादा कीमती हो गया है?”

मांगें जो रखी गईं प्रेस विज्ञप्ति में

1. प्रोजेक्ट मैनेजर विजय सिंह पर भी आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए।

2. एमपीयूडीसी के अधिकारियों पर विभागीय एवं आपराधिक कार्रवाई हो।

3. मेसर्स पीएस स्नेहल कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. अहमदाबाद का अनुबंध तत्काल रद्द किया जाए।

4. पीड़ित दोनों आदिवासी परिवारों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा और एक परिजन को स्थायी सरकारी नौकरी दी जाए।

5. पूरे सीवरेज प्रोजेक्ट की तकनीकी और सुरक्षा ऑडिट हो तथा शहरभर में जहां-जहां गड्ढे खोदे गए हैं वहां बचाव उपाय तुरंत लागू किए जाएं।

6. इस मामले की न्यायिक जांच कराई जाए ताकि निष्पक्षता से दोषी तय हों।

पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की लड़ाई में कांग्रेस उनके साथ

श्री आजाद बहादुर सिंह ने स्पष्ट किया कि यदि जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं करती है तो कांग्रेस पार्टी सड़क से विधानसभा तक आवाज़ उठाएगी और जरूरत पड़ी तो माननीय उच्च न्यायालय की शरण ली जाएगी।

प्रेस विज्ञप्ति के अंत में उन्होंने लिखा

“मुकेश बैगा और महिपाल बैगा केवल मजदूर नहीं थे, वे अपने परिवार की रीढ़ थे। उनके बच्चों की आंखों में अब केवल आँसू हैं और रोटी का कोई सहारा नहीं। यदि आज हम चुप रहे तो कल किसी और गरीब की बारी होगी।”

अब सवाल उठता है — क्या जिम्मेदार बचते रहेंगे, या न्याय की लौ जलेगी?

श्री आजाद बहादुर सिंह की यह प्रेस विज्ञप्ति केवल राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि एक मानवीय संवेदना की पुकार है। उन्होंने प्रशासन को चेताया कि यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, तो शहडोल की जनता सड़क पर उतरकर जवाब मांगेगी।

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