
एक युवती ने पहले प्यार का नाटक किया, फिर शादी की और फिर पति को हनीमून पर ले जाकर विधवा बनने की क्रूर योजना पर अमल कर डाला। राजा रघुवंशी हत्याकांड अब सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि भारतीय अपराध इतिहास की एक रोंगटे खड़ी कर देने वाली योजना के रूप में सामने आ रहा है — जहाँ शादी का हर कदम सिर्फ हत्या की मंजिल तक पहुँचने का साधन था।
साजिश की पटकथा एक ‘विधवा बनने’ की स्क्रिप्ट
प्रेम का जाल सोनम ने ऑफिस में काम करते हुए राज कुशवाहा से प्रेम संबंध बनाए। इसी दौरान वह एक स्थिर, भोला, सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजा रघुवंशी के संपर्क में आई शादी – हत्या की पहली सीढ़ी उसने पूरी सोची-समझी योजना के तहत राजा से शादी की। इस शादी का उद्देश्य गृहस्थ जीवन नहीं, “गृहस्थी खत्म करना” था।
हनीमून की योजना शादी के चंद दिनों बाद ही सोनम ने मेघालय के शिलांग को ‘हनीमून डेस्टिनेशन’ के रूप में चुना जो दरअसल हत्या का मंच था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुपारी, साजिश और शूटर शिलांग में पहले से मौजूद हत्यारों ने सोनम के सामने राजा की हत्या कर दी।
शिलांग से गाजीपुर – गुमराह करने की कोशिश: हत्या के बाद सोनम ने खुद को “मासूम विधवा” की तरह पेश किया और गाजीपुर चली गई, ताकि घटना को छुपाया जा सके। जांच में सामने आए साक्ष्य
लोकेशन ट्रैकिंग, सीसीटीवी फुटेज, सोनम-राज कुशवाहा की कॉल और चैट डिटेल्स से स्पष्ट हुआ कि यह एक सुनियोजित हत्या थी।
एक गिरफ्तार आरोपी ने माना कि “मुझे पैसे देकर राजा की हत्या के लिए शिलांग बुलाया गया था।”
सोनम की हावभाव, व्यवहार और विवाह पूर्व योजनाएं दिखाती हैं कि यह एक ‘क्रिमिनल माइंडसेट’ से रची गई योजना थी।
राज कुशवाहा की गिरफ्तारी से सोनम का पूरा नेटवर्क और योजना खुल चुकी है।
पुलिस अब दोनों से आमने-सामने पूछताछ करेंगी।
समाज में उथल-पुथल
यह केस सोशल मीडिया पर “प्रेम के नाम पर हत्या” और “मासूम चेहरों के पीछे छिपा शैतान” जैसे चर्चित विमर्श को जन्म दे रहा है।
#WidowByDesign और #JusticeForRaja जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
फिल्मी नहीं, असली जीवन की कहानी
इस हत्याकांड में वह सब कुछ है जो किसी अपराध-थ्रिलर फिल्म की स्क्रिप्ट में होता है — प्रेम, धोखा, यात्रा, ट्रैप, शूटआउट और फिर भावनात्मक अभिनय।
लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि यह कहानी पर्दे की नहीं, ज़िंदगी की कीमत पर लिखी गई है।
सोनम की शादी, प्यार नहीं — प्लान थी। उसने राजा रघुवंशी को सिर्फ इसलिए जीवनसाथी बनाया क्योंकि वह उसे विधवा बनाकर खत्म करना चाहती थी।
यह केस भारतीय क्राइम इतिहास में “प्यार की आड़ में विधवा बनने की साजिश” के रूप में एक प्रेरक नहीं, डरावनी मिसाल बन गया है।



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