
एक नई नवेली दुल्हन, एक खुशहाल हनीमून ट्रिप, और फिर – एक शव, एक खाई, और कई राज्यों में फैली जांच।
यह कहानी है इंदौर के व्यवसायी राजा रघुवंशी की, जिसकी शादी के मात्र 13 दिन बाद मेघालय के जंगल में हत्या कर दी गई — एक ऐसा अपराध जिसमें न सिर्फ प्रेम, बल्कि धोखे, मानसिक क्रूरता और साजिश का भयानक मेल दिखा।
विवाह से विदाई तक
11 मई 2025 – इंदौर
राजा रघुवंशी और सोनम की शादी हुई। सबने इसे एक परिपूर्ण जोड़ा माना — संपन्न घर, सुंदर दुल्हन, सुसंस्कृत परिवार। लेकिन पीछे पर्दे में कुछ और लिखा जा रहा था।
15 मई
दोनों मेघालय के शिलांग पहुंचे। फेसबुक, इंस्टाग्राम पर नई-नई तस्वीरें आने लगीं। परंतु…
23 मई – गायब
एक फोन कॉल के बाद राजा का नंबर बंद, सोनम की लोकेशन ग़ायब। पुलिस को स्कूटी और रेनकोट खाई के पास मिले। शक गहराने लगा।
खाई से शव तक, और उभरती हत्याकथा
2 जून
पुलिस को खाई में क्षत-विक्षत शव मिला – राजा की हत्या धारदार हथियार से की गई थी। सिर पर गहरे वार, हड्डियाँ टूटी हुई, और पहचान छुपाने की कोशिशें साफ थीं।
यह कोई साधारण अपराध नहीं था। यह प्री-प्लांड, इमोशनली स्ट्रेटेजिक और मनोवैज्ञानिक रूप से बर्बर हत्या थी।
दुल्हन नहीं, साजिशकर्ता?
पूछताछ और CDR रिकॉर्ड से पुलिस को जल्द ही संदेह हुआ –
राजा की पत्नी सोनम की राज कुशवाहा नामक युवक से नज़दीकियाँ थीं। राज, सोनम के पिता की फैक्ट्री में काम करता था।
व्हाट्सऐप चैट, ट्रैकिंग, फोन लोकेशन और कॉल्स ने खुलासा किया कि सोनम और राज ने मिलकर राजा को खत्म करने की योजना बनाई थी।
कातिलों को शिलांग बुलाया गया
घटनास्थल का पहले से निरीक्षण किया गया
हत्या के बाद सोनम को गाज़ीपुर (उत्तर प्रदेश) भेजा गया पुलिस और पर्दाफाश
8 जून सोनम को गाजीपुर में पकड़ा गया।
9 जून उसे मेडिकल जांच के बाद ट्रांजिट रिमांड पर मेघालय लाया गया।
अब तक 6 आरोपी गिरफ़्तार सोनम और राज मुख्य साजिशकर्ता
अन्य विशाल ठाकुर, आकाश राजपूत, आनंद कुर्मी आदि
तीन राज्यों की पुलिस मेघालय पुलिस अपराध स्थल
मध्य प्रदेश पुलिस परिवार और आरोपी की पृष्ठभूमि
उत्तर प्रदेश पुलिस भगोड़े की गिरफ्तारी
मनोवैज्ञानिक विश्लेषण अपराध क्यों हुआ?
प्रेम और लालच सोनम और राज का प्रेम संबंध राजा से पहले का था, शादी पैसे के लिए की गई
योजना अपराध से पहले खाई का निरीक्षण, हत्यारों को बुलाना, मोबाइल बंद करना, सोशल मीडिया मैनिपुलेशन
क्रूरता शरीर के हिस्सों को तोड़ना, छुपाना — मानसिक शून्यता और अपराधी मनोवृत्ति का संकेत
नारी केंद्रित साजिश विवाह संस्था का प्रयोग कर अपराध को “सामाजिक आवरण” देना
कानूनी और सामाजिक सन्दर्भ संभावनाएँ
मामला CBI को स्थानांतरित हो सकता है
कोर्ट में सोनम का मनोचिकित्सकीय मूल्यांकन अनिवार्य
नारी सशक्तिकरण की छवि को नुक़सान, इसलिए यह केस सामाजिक विमर्श का हिस्सा बन गया
यह केस केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं, विवाह संस्था, प्रेम, विश्वास और सामाजिक संरचना पर प्रहार है।



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