
PHQ भोपाल में DGP कैलाश मकवाणा से प्रशिक्षु IAS अधिकारियों की सौजन्य भेंट, प्रशासनिक नेतृत्व पर मिला मार्गदर्शन
भोपाल,
मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय (PHQ), भोपाल में आज प्रदेश संवर्ग के 9 प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों ने पुलिस महानिदेशक (DGP) श्री कैलाश मकवाणा से सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर DGP श्री मकवाणा ने सभी प्रशिक्षु अधिकारियों से आत्मीय संवाद करते हुए उन्हें प्रभावी प्रशासनिक नेतृत्व, जनसंपर्क, और कर्मठता से जुड़ी अहम बातें साझा कीं।
नेतृत्व में विनम्रता और चरित्र की सादगी पर जोर
DGP श्री मकवाणा ने प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा,
“साहबपन दिखाने की आवश्यकता नहीं है, आपका चरित्र और कार्यशैली ही आपकी पहचान बनाएंगे।”
उन्होंने बताया कि एक अच्छा अधिकारी वही होता है जो अपने अधीनस्थों से भी सीखने में संकोच न करे और नेतृत्व में विनम्रता व पारदर्शिता बनाए रखे।
मीडिया की सक्रियता से सतर्कता आवश्यक
DGP ने कहा कि वर्तमान समय में मीडिया अत्यंत सक्रिय भूमिका निभा रहा है, अतः अधिकारियों को हर समय सतर्क और जिम्मेदार रहना होगा।
उन्होंने प्रशासनिक जिम्मेदारियों के सफल निर्वहन के लिए जनता से जीवंत संपर्क बनाए रखने की भी सलाह दी, जिससे जन अपेक्षाएं और ज़मीनी ज़रूरतें बेहतर समझी जा सकें।
तकनीक, समन्वय और पारदर्शिता की वकालत
DGP मकवाणा ने अधिकारियों को बताया कि यह सूचना प्रौद्योगिकी (IT) का युग है, और इसके समुचित उपयोग से प्रशासनिक कार्यों में दक्षता और पारदर्शिता लाई जा सकती है।
साथ ही उन्होंने पुलिस और अन्य विभागों के बीच सशक्त समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे कानून व्यवस्था और सुशासन को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके
अनुभव साझा किए
DGP ने मुरैना, मंदसौर, बस्तर जैसे जिलों में अपने प्रशासनिक अनुभव भी प्रशिक्षु अधिकारियों से साझा किए, जिससे उन्हें वास्तविक चुनौतियों और समाधान के उपायों को समझने में मदद मिल सके।
कार्यक्रम में ये अधिकारी रहे उपस्थित
इस अवसर पर आर.सी.व्ही.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी की कोर्स डायरेक्टर श्रीमती नेहा भारती, PSO to DGP, SO to DGP, और सभी 9 प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी उपस्थित रहे।
इन प्रशिक्षुओं में शामिल रहे —
आशीष कुमार, अनिकेत शांडिल्य, आकाश अग्रवाल, आशीष अशोक पाटिल, एस.एस. श्रीराम, कुलदीप पटेल, फरहान जामदार, ऋषिकेश ठाकरे एवं नवकिरण कौर।
यह संवाद न केवल एक प्रेरणादायक मुलाकात रहा, बल्कि प्रशासनिक सेवा में कदम रख रहे अधिकारियों के लिए मार्गदर्शन का एक अमूल्य अवसर भी साबित हुआ।



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