
मध्यप्रदेश की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आता दिखाई दे रहा है। राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री और जनजातीय कार्य विभाग संभाल रहे कुंवर विजय शाह को लेकर हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा उठाया गया कदम भाजपा सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
हाईकोर्ट जबलपुर के न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन ने भारतीय दंड संहिता की धारा 122 (राजद्रोह संबंधी गतिविधियाँ) और 196 (लोक सेवकों के विरुद्ध अभियोजन) के अंतर्गत भाजपा के वरिष्ठ मंत्री कुंवर विजय शाह के विरुद्ध स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने मध्यप्रदेश पुलिस महानिदेशक (DGP) को निर्देश दिए हैं कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196 और 197 के तहत मंत्री पर FIR दर्ज की जाए।
सूत्रों के अनुसार, यह मामला कल शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक भी पहुँच चुका है, और संभावना जताई जा रही है कि आज शाम तक मंत्री विजय शाह अपना इस्तीफ़ा दे सकते हैं।
इस मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब देश की पहली महिला कर्नल बनने वाली अधिकारी सोफिया कुरैशी के भाई ने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप की माँग की है। उन्होंने मांग की है कि इस तरह के गंभीर आरोपों पर त्वरित कार्यवाही होनी चाहिए और दोषियों को राजनीतिक संरक्षण नहीं मिलना चाहिए।
अब देखना यह है कि क्या भाजपा आलाकमान इस गंभीर मुद्दे पर त्वरित फैसला लेते हुए मंत्री से इस्तीफ़ा लेता है, या फिर न्यायिक प्रक्रिया के निष्कर्ष का इंतजार किया जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम पर पूरे राज्य की नज़रें टिकी हैं।



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