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अनूपपुर से इन्दौर तक फैला 151 लाख का ‘ब्याज जाल’ IDCS INDIA गिरोह का भांडाफोड़, CEO समेत दो गिरफ्तार

अनूपपुर से इन्दौर तक फैला 151 लाख का ‘ब्याज जाल’ IDCS INDIA गिरोह का भांडाफोड़, CEO समेत दो गिरफ्तार




अनूपपुर, मध्यप्रदेश
“अधिक ब्याज का सपना, जीवनभर की पूंजी का सन्नाटा”—ऐसे ही एक सुनियोजित धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ अनूपपुर पुलिस ने किया है। पुलिस अधीक्षक श्री मोती उर रहमान के नेतृत्व में IDCS INDIA नामक फर्जी बैंकिंग संस्था के माध्यम से प्रदेश के अनूपपुर, डिण्डौरी, मण्डला, बालाघाट एवं इन्दौर जिलों में फैले करोड़ों की ठगी के रैकेट को धराशायी किया गया है।

गिरफ्त में आए मुख्य आरोपी

योगेश श्रीवास (CEO) — उम्र 22, निवासी महाराजपुर, जिला मण्डला

दीपक उपाध्याय (ब्रांच मैनेजर) — उम्र 28, निवासी भुआ बिछिया, मण्डला

इन दोनों को पुलिस ने मण्डला से गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है। अब तक 81 निवेशकों से करीब ₹1.51 करोड़ की ठगी सामने आ चुकी है।

ठगी का तरीका IDCS INDIA नामक संस्था को Ministry of Corporate Affairs एवं GST पोर्टल पर रजिस्टर कर एक वैध चेहरा दिया गया।

स्टेट बैंक ऑफ मारीशस से अनुबंधित होने के फर्जी दस्तावेज दिखाकर 6% मासिक ब्याज का लालच दिया गया।

पांच जिलों में भव्य ऑफिस खोलकर ‘फाइनेंशियल कंसल्टेंसी’ की आड़ में जमकर ठगी की गई।

शिकायतकर्ता की शिकायत

अनूपपुर निवासी अभिजीत सिंह ने 1 लाख रुपये फिक्स डिपाजिट कराए थे। पहले कुछ महीने ब्याज मिला, फिर ऑफिस बंद हो गया। उनके साथ ही डॉ. रत्ना परस्ते, आकांक्षा पाण्डेय, अजय गुप्ता, और दर्जनों निवेशक ठगी का शिकार हुए।

लालच बना विनाश का कारण निवेशकों को 6% प्रतिमाह ब्याज का झांसा, महंगे ऑफिस, ब्रांडेड लैपटॉप, प्रिंटर, सोने के जेवरात, और BMW बाइक—इन सबने लोगों को झूठे सपनों में फंसा दिया।

कोतवालीपुलिस की तेज कार्रवाई

IDCS का अनूपपुर ऑफिस सील किया गया।

05 लैपटॉप, स्मार्टफोन, प्रिंटर, बैंक चेक, फर्जी डॉक्युमेंट्स जब्त।

लूट की रकम से खरीदी गई लक्जरी कार, BMW बाइक, 50 लाख का प्लॉट भी जब्त। सभी बैंक अकाउंट फ्रीज।

मकान मालिक पर भी कार्रवाई

गिरधारीलाल सोनी ने पुलिस थाने को किरायेदार की सूचना नहीं दी, जिससे धारा 223 बीएनएस में FIR दर्ज की गई है। कलेक्टर द्वारा पूर्व में मकान मालिकों को थाने में सूचना देने के निर्देश थे, पर इसका पालन नहीं किया गया।

टीम को मिलेगा इनाम

इस केस को सुलझाने वाली टीम — टी.आई. अरविन्द जैन, उपनिरीक्षक प्रवीण साहू, सायबर सेल, प्रधान आरक्षक शिवशंकर प्रजापति आदि को पुलिस अधीक्षक श्री  मोती ऊर्रहमान द्वारा पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।


अत्यधिक ब्याज के लालच में, लोग फर्जीवाड़े के मकड़जाल में फंस रहे हैं।”
यह मामला न केवल वित्तीय धोखाधड़ी का है, बल्कि लोगों की लापरवाही और जागरूकता की कमी भी उजागर करता है। रजिस्ट्रेशन देखकर निवेश करने वाले लोग, कागजों की वैधता तक नहीं जांचते।

अन्य थाना क्षेत्र में भी इस प्रकार की ‘फाइनेंस कंपनियां और उनके एजेंट सक्रिय हैं सावधान रहें।

सावधान रहें, जागरूक बनें, निवेश सुरक्षित रखें।

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Kailash Pandey
Anuppur
(M.P.)

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