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शहडोल में बड़ा साइबर फ्रॉड रैकेट बेनकाब, तीन गिरफ्तार, बैंक अफसर भी शामिल

शहडोल में बड़ा साइबर फ्रॉड रैकेट बेनकाब, तीन गिरफ्तार, बैंक अफसर भी शामिल



शहडोल जिले में साइबर अपराध का एक बड़ा नेटवर्क उजागर हुआ है, जिसमें भोले-भाले ग्रामीणों और व्यापारियों के नाम पर फर्जी बैंक खाते खोलकर ऑनलाइन ठगी की जा रही थी। पुलिस ने इस रैकेट का पर्दाफाश करते हुए अब तक तीन मुख्य आरोपियों सहित एक बैंक अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि जांच में देशव्यापी नेटवर्क का खुलासा हुआ है।

घटना का खुलासा ऐसे हुआ

16 अप्रैल को बुढार थाना क्षेत्र के कैफे संचालक हिरेंद्र विश्वकर्मा और उनके पार्टनर अभिषेक पनिका ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि दो लोग—आदित्य मिश्रा और ऋषि चौधरी—गूगल पे के एजेंट बनकर उनकी दुकान पर आए और स्कैनर लगाने के बहाने उनका फिंगरप्रिंट, आधार कार्ड और पैन कार्ड की फोटो लेकर चले गए। बाद में संदेह होने पर उन्होंने ऑनलाइन कियोस्क से जांच कराई तो पता चला कि छैक्स ऑनलाइन पेमेंट बैंक और फिनो बैंक में उनके नाम से खाते खुल चुके हैं।

रैकेट का पर्दाफाश

17 अप्रैल को पुलिस ने आदित्य मिश्रा को गिरफ्तार कर पूछताछ की। उसने बताया कि टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से कुछ अज्ञात लोगों से संपर्क हुआ था, जो फर्जी खातों के बदले 2,000 से 10,000 रुपये तक देते थे। लालच में आकर उसने गांव के भोले-भाले लोगों को अंगूठा लगाने के बदले पैसे देने का लालच दिया और उनके आधार-पैन कार्ड की कॉपी लेकर बायोमेट्रिक मशीन से फर्जी खाते खुलवाए। इन खातों से जुड़े मोबाइल नंबर भी टेलीग्राम पर मिले लोगों के बताए अनुसार लिंक किए जाते थे ताकि अपराधी इनका इस्तेमाल कर सकें।

अगली गिरफ्तारी और बैंक कनेक्शन

27 अप्रैल को ऋषि चौधरी को गिरफ्तार कर रिमांड में लिया गया। उसने बताया कि फर्जी खाते चंदन पंडित उर्फ दीपक को सौंपे जाते थे। चंदन पंडित ने भी पुलिस के सामने कबूला कि उसने ऋषि और रोहित चौधरी के माध्यम से कई फर्जी खाते लिए और टेलीग्राम के जरिए ठगों तक पहुंचाए। चौंकाने वाली बात यह रही कि कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक में भी फर्जी खाते खोले गए, जिसमें एक्सिस बैंक के असिस्टेंट मैनेजर विकास साहू ने रैकेट को मदद दी।

अब तक 160 खाते फ्रीज

शहडोल पुलिस ने अब तक 160 फर्जी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है और कार्रवाई लगातार जारी है। इन खातों में 10 लाख से लेकर 50 लाख रुपये तक के ट्रांजेक्शन हुए हैं, और खाताधारकों को इसकी भनक तक नहीं थी। पुलिस ने बताया कि कई खातों में माता-पिता के नाम एक जैसे पाए गए और ज्यादातर पैसों की निकासी नकद या फर्जी ट्रांजेक्शन से की गई। इन खातों से डिजिटल ऑरेस्ट और साइबर ठगी में लूटी गई रकम ट्रांसफर की गई है।

राष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा

जांच में सामने आया है कि देश के कई शहरों से इन फर्जी खातों में रकम आई है। पुलिस ने एनसीआरपी पोर्टल और विभिन्न राज्यों की पुलिस से समन्वय किया है ताकि ठगी के पूरे नेटवर्क को पकड़ने में मदद मिले। मामला संगठित अपराध की श्रेणी में आने के कारण धारा 111(2)(ख) बीएनएस की वृद्धि की गई है।

पुलिस की सतर्कता

पुलिस अधीक्षक शहडोल ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड या बायोमेट्रिक विवरण न दें और किसी लालच में न आएं। इस पूरे ऑपरेशन की कमान बुढार थाना प्रभारी के नेतृत्व में की जा रही है और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। कोतमा क्षेत्र में भी काली कमाई वाले इस प्रकार के खाता प्राईवेट बैंकों में खोलकर रखें हुए हैं ।

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