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आरक्षण रेलगाड़ी के डिब्बे जैसा, जो चढ़ गए वे चढ़ गए, सुप्रीम कोर्ट जज सूर्यकांत का बयान

आरक्षण रेलगाड़ी के डिब्बे जैसा, जो चढ़ गए वे चढ़ गए, सुप्रीम कोर्ट जज सूर्यकांत का बयान


नई दिल्ली, 6 मई 2025

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत ने आरक्षण व्यवस्था को लेकर एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि “आरक्षण रेलगाड़ी के डिब्बे जैसा है, जो लोग इसमें चढ़ गए, वे चढ़ गए, अब दूसरों को चढ़ने की जरूरत है।” उन्होंने यह बात सामाजिक न्याय और आरक्षण से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई के दौरान कही।

जस्टिस सूर्यकांत ने यह भी रेखांकित किया कि आरक्षण नीति का उद्देश्य समाज के कमजोर तबकों को समान अवसर उपलब्ध कराना है, लेकिन यह नीति अनंतकाल तक जारी नहीं रह सकती। उन्होंने कहा कि संविधान में आरक्षण को एक अस्थायी व्यवस्था के तौर पर शामिल किया गया था ताकि समाज में व्याप्त असमानता को दूर किया जा सके। उन्होंने इस संदर्भ में यह भी कहा कि “जो वर्ग आरक्षण का लाभ उठा चुके हैं, उन्हें अब पीछे हटकर अन्य जरूरतमंद वर्गों के लिए जगह बनानी चाहिए।”

यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण की सीमा और इसके दायरे को लेकर बहस तेज है। कोर्ट पहले भी कह चुका है कि आरक्षण सामाजिक और आर्थिक समानता लाने के लिए एक माध्यम है, लेकिन इसे हमेशा के लिए जारी रखना संविधान की मूल भावना के खिलाफ होगा।

इस सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और विभिन्न राज्यों के वकीलों ने अपनी दलीलें दीं और जजों ने स्पष्ट किया कि आरक्षण का दुरुपयोग रोकना भी उतना ही आवश्यक है जितना कि वंचित वर्गों को उनका हक दिलाना।

यह बयान सामाजिक-राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है और विभिन्न वर्गों से इस पर प्रतिक्रियाएँ आनी शुरू हो गई हैं।

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