
स्थान ग्राम पंचायत – सोनपुरा, जनपद पंचायत – ब्यौहारी, जिला – शहडोल
समय 14 अप्रैल 2025, सुबह 10 बजे
परिवेश फसल कटने का मौसम, चारों ओर गेहूं के ढेर, बच्चे स्कूल यूनिफॉर्म में, आंगनवाड़ी की दीवार पर नई पुताई, मंच पर बिछी दरी, बगल में पीपल का पेड़।
गांव का चौपाल, सुबह की धूप में नहा रहा है। पीपल के नीचे बांस की मचिया बिछी हैं। मंच के एक ओर ग्राम सचिव अपनी फाइलें खोल चुका है, सरपंच माइक टेस्ट कर रहा है। सामने की दरी पर महिलाएं अपने बच्चों के साथ बैठी हैं, कुछ महिलाएं प्रधानमंत्री आवास योजना की फ़ाइलें लिए उत्साहित हैं। चौपाल के एक कोने में “स्वच्छ भारत अभियान” का पोस्टर लटका है, पास में बाल विवाह निषेध कानून की जानकारी वाला फ्लेक्स भी टंगा है।
माइक से आवाज आती है –
“आप सभी ग्रामवासियों से अनुरोध है कि कृपया चौपाल में पधारें, ग्राम सभा का आयोजन प्रारंभ होने वाला है।”
पीछे से लाउडस्पीकर पर धीमे स्वर में बज रहा है –
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ…” का थीम सॉन्ग।
कक्का की चौपाल –प्रारंभ
(कक्का मंच के पास मचिया पर बैठते हैं, सफेद धोती-कुर्ता, सिर पर पगड़ी, चेहरे पर तेज और आंखों में अनुभव की चमक)
कक्का (हाथ उठाकर)
“जवान हो या बुजुर्ग, औरत हो या बच्चा, सबका स्वागत है इस चौपाल में। गांव की बात गांव में, सरकार की योजना और हमारे हक की कहानी आज यहीं तय होगी।”
बाल विवाह पर चर्चा
(घसीटा खड़ा होता है, हाथ में मोबाइल)
घसीटा
“कक्का, बाल विवाह रोकने की बात तो हर बार होती है, पर क्या पंचायत ने कभी देखा कि पास के टोले में 16 साल की लड़की की शादी हो रही थी?”
कक्का (गंभीर होकर)
“बेटा घसीटा, सही कहा तूने। इस बार हम गांव के पटवारी से बालिकाओं की सूची लेंगे और हर महीने चौपाल में पढ़ेंगे। और जो भी ऐसा करेगा, उसे कानून का डर दिखाएंगे, पर समझा के।”
(भीड़ से आवाज आती है – ‘ठीक कहत हो कक्का’)
बेटी बचाओ, स्वच्छ जल, पोषण पर संवाद
(फफूंदी लाल उठते हैं)
फफूंदी लाल
“कक्का, मेरी पोती के स्कूल में न तो पानी है और न टॉयलेट साफ। ये कैसी योजना?”
कक्का
“सुन सचिवजी, अभी आंगनवाड़ी की सूची बनाई जाए। जो भी स्कूलों में पानी की दिक्कत है, वो अब ग्रामसभा की बैठक का हिस्सा बनेगी। बेटियों को स्कूल तभी भेजेंगे जब सम्मान से रहेंगी।”
पेंशन और आवास योजनाओं की समीक्षा
(दरबारी लाल जोर से बोलता है)
“कक्का, मेरी मामी की नंद को तीन बार वृद्धा पेंशन मिल चुकी है, पर हमारे मोहल्ले की अम्मा अब तक इंतज़ार कर रही है।”
कक्का (हँसते हुए)
“दरबारी लाल, तू अफवाहें फैलाता है पर इस बार सच्ची बात कही। सचिवजी, सब लाभार्थियों की सूची आज सबके सामने पढ़ी जाए और लोगों से पूछा जाए, सही है या झूठ।”
प्रधानमंत्री आवास योजना पर प्रतिक्रिया
(फोकट लाल उठता है, गमछा फेंकता है)
“कक्का, जिनके पास पहले से घर है, उनके नाम स्वीकृति हो गई। और जिनके घरों की छत तक नहीं है, वो दौड़ रहे हैं।”
(घसीटा बीच में टोकता है)
“हां कक्का! ये सबसे बड़ा मुद्दा है।”
कक्का
“इस बार प्रधान मंत्री आवास योजना की सूची हम पंचायत भवन पर चिपकवाएंगे। और गांव की महिलाएं खुद जांचेंगी कि कौन असली पात्र है। महिला के नाम से मंजूरी है, ये बात हर कोई जाने।”
स्व-सहायता समूह और रोजगार
(पुसऊ राम धीरे से बोलता है)
“कक्का, जहां बही वहां पगड़ी। समूह बनाओ, हमें भी जोड़ो।”
कक्का (मुस्कुराते हुए)
“पुसऊ राम, अब तेरा भी नंबर आएगा। जो भी परिवार छूट गया है, उसे समूह से जोड़ना है। खेती से लेकर सिलाई, सबका प्रशिक्षण भी दिलवाना है। हम सब मिलकर गांव को आत्मनिर्भर बनाएं।”
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की समीक्षा
(चौरंगी लाल मंच पर आता है, सफेद कुर्ते में, मोबाइल कान पर)
“कक्का, अभी सरकार ने जो कहा, वो सब शुरू हो रहा है। हमने हेल्थ सेंटर का उद्घाटन करवा दिया।”
(भीड़ से फुसफुसाहट – “हर बार ये आता है फोटो खिंचवाने”)
कक्का
“चौरंगी, उद्घाटन से कुछ नहीं होता। दवाई कब मिली? डॉक्टर कितने दिन आया? अब से हर महीने की रिपोर्ट ग्रामसभा में रखी जाएगी। आरोग्यम सेंटर की स्थिति भी जांची जाएगी।”
समापन – कक्का की वाणी
(सभी पात्र बैठते हैं, महिलाएं तालियाँ बजाती हैं, बच्चे ‘जय ग्राम सभा’ के नारे लगाते हैं)
कक्का

“गांव की ताकत उसकी पंचायत है। और पंचायत की आत्मा है – ग्राम सभा। अगर हम जागरूक रहेंगे, तो कोई योजना गलत हाथ में नहीं जाएगी।
अब से ये चौपाल हर तीन महीने में सजेगी। गांव की बात, गांव में हल होगी। और हां – अगली बार हर महिला, हर युवा, हर वृद्ध – सब अपनी बात कहने आएंगे। क्योंकि ये चौपाल है – ‘कक्का की चौपाल।’”
(लाउडस्पीकर से आवाज आती है – ‘सभा समाप्त हुई। सभी को धन्यवाद। चाय-नाश्ता बगल के स्कूल परिसर में रखा गया है।’)
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