Globe’s most trusted news site

,

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पारित, 288 मतों से पास, विपक्ष ने जताया कड़ा विरोध

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पारित, 288 मतों से पास, विपक्ष ने जताया कड़ा विरोध


नई दिल्ली, 2 अप्रैल 2025 लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर मंगलवार को ऐतिहासिक बहस और वोटिंग हुई, जिसके बाद यह विधेयक 288 मतों के समर्थन और 232 मतों के विरोध के साथ पारित हो गया। यह विधेयक वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के प्रशासन और पारदर्शिता में सुधार लाने के उद्देश्य से लाया गया है।
वोटिंग का विवरण
वोटिंग के दौरान भाजपा, जद(यू), बीजू जनता दल, शिवसेना (शिंदे गुट), और एनडीए सहयोगी दलों ने विधेयक का समर्थन किया, जिससे कुल 288 वोट पड़े। विपक्ष में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, डीएमके, और लेफ्ट पार्टियों ने विधेयक का कड़ा विरोध किया, जिसके चलते 232 वोट इसके खिलाफ पड़े।
विधेयक की मुख्य बातें
वक्फ संपत्तियों का अनिवार्य पंजीकरण सभी वक्फ संपत्तियों को अब जिला प्रशासन के पास पंजीकृत कराना होगा।

सरकारी निगरानी वक्फ बोर्ड के वित्तीय और संपत्ति प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार को निगरानी का अधिकार दिया गया।
अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई यदि कोई भी वक्फ संपत्ति गैर-कानूनी रूप से किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा कब्जाई जाती है, तो उसे हटाने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति पर विवाद विपक्ष ने इस प्रावधान का कड़ा विरोध किया, जबकि सरकार ने इसे प्रशासनिक सुधार का हिस्सा बताया।
भाजपा नेताओं के विचार

गृह मंत्री अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “यह विधेयक किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह वक्फ संपत्तियों के उचित उपयोग और पारदर्शिता लाने के लिए जरूरी है। कांग्रेस और विपक्षी दल इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि देश के संसाधनों का सही उपयोग हो।”
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने वक्फ बोर्ड को एक “वैधानिक संस्था” बताते हुए कहा कि यदि इसकी संपत्तियों का गलत उपयोग हो रहा है, तो सरकार को हस्तक्षेप करने का अधिकार है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे “तुष्टीकरण की राजनीति” कर रहे हैं।
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर
अनुराग ठाकुर ने कहा, “यह विधेयक कांग्रेस के तुष्टीकरण की राजनीति का अंत करेगा। वक्फ संपत्तियों के सही उपयोग की जरूरत है। देश में एक समान कानून होना चाहिए, न कि किसी विशेष समुदाय को अतिरिक्त लाभ दिए जाएं।”
विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, “यह विधेयक अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास है। सरकार को इसे वापस लेना चाहिए।”
कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार वक्फ बोर्ड के अधिकार छीनकर उसे सरकारी नियंत्रण में लेना चाहती है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस विधेयक के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
विधेयक की आवश्यकता और संभावित प्रभाव
सरकार का तर्क है कि वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग और गैर-कानूनी अतिक्रमण को रोकने के लिए यह संशोधन आवश्यक था। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में लाखों हेक्टेयर वक्फ संपत्तियां हैं, जिनका उपयोग ठीक से नहीं हो रहा। यदि यह विधेयक कानून बनता है, तो सरकारी निगरानी से इन संपत्तियों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
अब आगे क्या?
विधेयक अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा। यदि वहां भी यह पारित हो जाता है, तो इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू कर दिया जाएगा।
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 भारतीय राजनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत है। भाजपा इसे “सुधारात्मक कदम” बता रही है, जबकि विपक्ष इसे “अल्पसंख्यकों के खिलाफ” बता रहा है।

Leave a Reply

Ad with us

Contact us : admin@000miles.com

Admin

Kailash Pandey
Anuppur
(M.P.)

Categories

error: Content is protected !!