
अनूपपुर, चचाई। जीवन को संवारने के बजाय नशे की लत किस तरह उसे विनाश के गर्त में धकेल सकती है, इसका दर्दनाक उदाहरण चचाई थाना क्षेत्र में देखने को मिला। वार्ड क्रमांक 08, मस्जिद के पीछे अमलाई में रहने वाली गुड़िया उर्फ राखी सोनी की क्रूर हत्या से पूरा इलाका स्तब्ध है। एक ओर महिला की शराब की आदत, तो दूसरी ओर पति की क्रूरता और हिंसक प्रवृत्ति, इन दोनों के बीच पिसकर एक जिंदगी असमय ही समाप्त हो गई।
मौत की आहट और आखिरी चीखें
दिनांक 30 मार्च 2025, दोपहर का वक्त। संकरी गलियों में पसरी उदासी और भय का सन्नाटा अचानक चीखों से टूट जाता है। पड़ोसी घरों के दरवाजों से झांकते चेहरे, लेकिन कोई आगे आने की हिम्मत नहीं करता। अंदर से केवल गुड़िया की दर्दनाक आवाजें आती हैं, जो कुछ पलों बाद हमेशा के लिए शांत हो जाती हैं।
सूचना पाते ही थाना चचाई पुलिस घटनास्थल पर पहुंचती है। मृतका के पति राजू सोनी से पूछताछ की जाती है, लेकिन उसकी बातें संदिग्ध लगती हैं। शव का पंचनामा तैयार कर परिजनों को अंबिकापुर से बुलाया जाता है।
मौत का खुलासा सिर पर गंभीर चोटें
जिला अस्पताल अनूपपुर में पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आती है— सिर पर गहरी चोट, आंखों के पास, छाती, भुजाओं और पैरों पर नील-लाल पड़े जख्म। शरीर पर घसीटने के निशान, कलाई पर चोटों के निशान, यह सब किसी भयंकर संघर्ष और हिंसा की कहानी बयां कर रहे थे।
शराब, हिंसा और हत्या रिश्ते का कड़वा सच
जब पुलिस ने मृतका के परिजनों और पड़ोसियों से पूछताछ की तो एक और दिल दहला देने वाली सच्चाई सामने आई— गुड़िया शराब पीने की आदी थी। नशे की वजह से अक्सर पति-पत्नी के बीच झगड़े होते थे। 30 मार्च की रात, झगड़ा इस हद तक बढ़ा कि राजू ने अपनी पत्नी को लाठी से बेरहमी से पीटा। वह घंटों दर्द से तड़पती रही और आखिरकार दम तोड़ दिया।
24 घंटे में हत्यारा सलाखों के पीछे
थाना चचाई पुलिस ने मर्ग कायम कर तेजी से विवेचना शुरू की। महज 24 घंटे के भीतर आरोपी राजू सोनी को गिरफ्तार कर न्यायालय अनूपपुर के माध्यम से जेल भेज दिया गया।
अनूपपुर पुलिस अधीक्षक आई.पी.एस. श्री मोती उर रहमान जी के निर्देशन में तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इसरार मंसूरी एवं एसडीओपी सुमित करकेट्टा के मार्गदर्शन में निरीक्षक राकेश उइके एवं उनकी टीम ने इस हत्याकांड का पर्दाफाश किया।
टीम में शामिल
सउनि. महिपाल प्रजापति
सउनि. नागेश सिंह
प्र आर. विकास दहायत
आरक्षक नितेश साहू, नत्थू मोरे, दीपक मंडलोई, राकेश द्विवेदी
प्र. आर. अशोक बर्मन, प्रकाश निनामा
नशा रिश्तों को खा जाता है
गुड़िया की मौत सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि नशे और घरेलू हिंसा का वह चेहरा है जिसे समाज नजरअंदाज करता आया है। जब एक महिला शराब की गिरफ्त में फंसती है, तो उसका परिवार और खुद उसका जीवन भी बर्बादी की ओर बढ़ जाता है। इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि नशा केवल पीने वाले को ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार को तबाह कर देता है।
Leave a Reply