
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में 8 मार्च 2025 को पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की दिनदहाड़े हत्या ने पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राघवेंद्र बाजपेई, जो एक प्रमुख हिंदी दैनिक समाचार पत्र में संवाददाता थे, को इमलिया सुल्तानपुर थाना क्षेत्र में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। हमलावरों ने पहले उनकी बाइक को टक्कर मारकर गिराया और फिर सिर और पीठ में गोलियां मारीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
इस जघन्य हत्या के पीछे धान खरीदी और स्टाम्प से जुड़ी खबरों का प्रकाशन संभावित कारण बताया जा रहा है, जो आर्थिक अपराधियों के खिलाफ थीं। संयुक्त श्रमजीवी पत्रकार महासंघ ने इस नृशंस हत्या की कड़ी निंदा करते हुए गहरा रोष व्यक्त किया है। महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेन्द्र कुमार पाण्डेय ने सरकार से निम्नलिखित मांगें की हैं:
दिवंगत पत्रकार के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता।
पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी।
परिवार को स्थायी आवास की शीघ्र व्यवस्था।
केंद्र और राज्य सरकार द्वारा तुरंत पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करना।
इसके अलावा, महासंघ ने सभी पत्रकार संघों और संगठनों से एकजुट होकर सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा, धरना प्रदर्शन, घेराव, जेल भरो आंदोलन आदि के माध्यम से पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को राष्ट्रव्यापी अभियान के रूप में उठाने का आह्वान किया है।
भारत में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए वर्तमान में कोई विशेष कानून नहीं है, जिससे वे शारीरिक और मानसिक खतरों का सामना करते हैं।

पत्रकारों पर बढ़ते हमलों को रोकने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सख्त और प्रभावी पत्रकार सुरक्षा कानून की आवश्यकता है। यह कानून न केवल पत्रकारों को सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को भी सुदृढ़ करेगा।
दिवंगत पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई को हमारी भावपूर्ण श्रद्धांजलि। हम उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और आशा करते हैं कि सरकार जल्द से जल्द दोषियों को गिरफ्तार कर सख्त सजा देगी, साथ ही पत्रकारों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।



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