
कार्डियक अरेस्ट: कारण, लक्षण और रोकथाम
क्या है कार्डियक अरेस्ट?
कार्डियक अरेस्ट एक गंभीर और अचानक होने वाली हृदय संबंधी समस्या है, जिसमें हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है और शरीर में रक्त संचार रुक जाता है। इससे मस्तिष्क और अन्य अंगों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे व्यक्ति कुछ ही मिनटों में बेहोश होकर गिर जाता है और उचित चिकित्सा न मिलने पर मृत्यु हो सकती है।
कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर
कई लोग कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक को एक ही समझते हैं, लेकिन ये अलग-अलग स्थितियाँ हैं:
1. हार्ट अटैक (Myocardial Infarction – MI): इसमें हृदय की धमनियों में किसी रुकावट के कारण रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है, जिससे हृदय को ऑक्सीजन की कमी होती है।
2. कार्डियक अरेस्ट: यह एक विद्युत गड़बड़ी (electrical malfunction) के कारण होता है, जिससे हृदय की धड़कनें अनियमित (arrhythmia) हो जाती हैं और हृदय काम करना बंद कर देता है।

कार्डियक अरेस्ट के संभावित कारण
1. अचानक हृदय गति रुकने (Arrhythmia) के कारण
वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन (Ventricular Fibrillation): इसमें हृदय की निचली दो चेंबर (वेंट्रिकल्स) अनियमित रूप से धड़कने लगते हैं और रक्त संचार रुक जाता है।
ब्रेडीकार्डिया (Bradycardia): हृदय की गति बहुत धीमी हो जाती है, जिससे रक्त संचार ठप हो सकता है।
2. हृदय की संरचनात्मक समस्याएँ
हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (HCM): इस स्थिति में हृदय की मांसपेशियाँ असामान्य रूप से मोटी हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है और कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।
दिल की धमनियों का सिकुड़ना (Coronary Artery Disease – CAD): इससे हृदय को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है और कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है।
3. अनुवांशिक और जन्मजात रोग
यदि परिवार में किसी को पहले कार्डियक अरेस्ट हुआ है, तो यह आनुवंशिक कारणों से अगली पीढ़ी में भी हो सकता है।
जन्मजात हृदय दोष भी युवा लोगों में कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकते हैं।
4. इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन
शरीर में पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी से हृदय की विद्युत प्रणाली गड़बड़ा सकती है, जिससे कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।
5. अचानक अत्यधिक शारीरिक श्रम या भावनात्मक तनाव
अगर कोई व्यक्ति अचानक बहुत अधिक परिश्रम करता है, भारी वजन उठाता है या बहुत अधिक भावनात्मक तनाव में रहता है, तो इसका असर हृदय पर पड़ सकता है।
अत्यधिक गर्मी या ठंड में व्यायाम करने से भी यह समस्या हो सकती है।
6. ड्रग्स और नशीली चीज़ों का सेवन
कोकीन, मेथामफेटामिन, हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थ हृदय की विद्युत प्रणाली पर प्रभाव डाल सकते हैं और कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकते हैं।
अत्यधिक शराब और धूम्रपान भी हृदय की धमनियों को कमजोर कर सकते हैं। अन्य बीमारियाँ और संक्रमण
डायबिटीज और उच्च रक्तचाप: अगर इनका सही उपचार न किया जाए तो हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है।
किसी प्रकार का वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण: कोविड-19 और अन्य वायरस भी हृदय पर प्रभाव डाल सकते हैं।

कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
कार्डियक अरेस्ट अचानक होता है, लेकिन कुछ मामलों में कुछ सेकंड पहले लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
अचानक चक्कर आना या बेहोशी छाती में तेज दर्द
हृदय की धड़कनों का बहुत तेज या बहुत धीमा होना
सांस लेने में कठिनाई अत्यधिक पसीना आना हाथ-पैर ठंडे पड़ना
कार्डियक अरेस्ट का तत्काल उपचार
अगर किसी व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट हो जाए तो तुरंत ये कदम उठाएँ
1. CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) करें
पीड़ित को समतल स्थान पर लिटाएँ।
उसकी छाती के बीचों-बीच हाथ रखकर तेजी से और मजबूत दबाव डालें (हर मिनट 100-120 बार)।
यदि संभव हो तो मुंह से मुंह द्वारा कृत्रिम श्वास दें (mouth-to-mouth breathing)।
AED (Automated External Defibrillator) का उपयोग करें
यह एक पोर्टेबल डिवाइस है जो हृदय को विद्युत झटका (electric shock) देकर पुनः चालू कर सकता है।
अगर आसपास AED उपलब्ध है, तो इसका तुरंत उपयोग करें।जल्द से जल्द मेडिकल सहायता प्राप्त करें
जितनी जल्दी हो सके, एंबुलेंस बुलाएँ और अस्पताल पहुँचाएँ।
कार्डियक अरेस्ट से बचाव के उपाय स्वस्थ आहार अपनाएँ
हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन का सेवन करें।
तली-भुनी और अधिक नमक वाली चीज़ों से बचें। नियमित व्यायाम करें
प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करें।
योग और ध्यान करने से हृदय स्वस्थ रहता है।
हृदय की धमनियों को संकुचित करता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ाता है।
अत्यधिक शराब का सेवन हृदय गति को प्रभावित कर सकता है।तनाव को नियंत्रित करें
अत्यधिक मानसिक तनाव से बचने के लिए ध्यान, योग और मनोरंजक गतिविधियों को अपनाएँ। नियमित स्वास्थ्य जाँच कराएँ

समय-समय पर हृदय की जाँच कराएँ, खासकर अगर परिवार में किसी को हृदय रोग रहा हो।
ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर की नियमित जाँच करें।
कार्डियक अरेस्ट एक गंभीर और जानलेवा स्थिति है, लेकिन जागरूकता और सही जीवनशैली अपनाकर इससे बचा जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति अचानक गिर जाए और सांस न ले रहा हो, तो तुरंत CPR और AED का उपयोग करें। नियमित स्वास्थ्य जाँच, संतुलित आहार, व्यायाम और तनावमुक्त जीवनशैली अपनाकर इस खतरे को काफी हद तक टाला जा सकता है।



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