
“अनूपपुर में इलाज नहीं, लूट का अस्पताल! – मरीजों की जिंदगी से खेल रहे मेडिकल माफिया”
– बिना लाइसेंस के चल रहे दर्जनों मेडिकल स्टोर, नकली दवाओं की भरमार!
– गली-गली अवैध पैथोलॉजी, एक ही मरीज की हर सेंटर में अलग रिपोर्ट!
– ICU का डर दिखाकर लाखों की वसूली, गरीब मरीजों को बनाया जा रहा शिकार!
– स्वास्थ्य विभाग मौन, अनियमितताओं पर कार्रवाई शून्य!
अनूपपुर में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली: मरीजों के स्वास्थ्य से हो रहा खिलवाड़
अनूपपुर जिला, जो एक अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्र है, यहां के गरीब और ग्रामीण मरीजों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं दिन-ब-दिन कठिन होती जा रही हैं। जिले में निजी अस्पतालों, मेडिकल स्टोर्स और पैथोलॉजी सेंटरों में भारी अनियमितताएं हैं, जिन पर प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं दिखता। अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण मरीजों का आर्थिक और मानसिक शोषण हो रहा है।
एक लाइसेंस पर कई मेडिकल स्टोर्स का संचालन
अनूपपुर जिले में कई मेडिकल स्टोर एक ही लाइसेंस पर चल रहे हैं। स्थानीय दवा विक्रेता बिना किसी मानक प्रक्रिया के मरीजों को महंगी और नकली दवाएं बेच रहे हैं। इन मेडिकल स्टोर्स पर महंगी और घटिया दवाओं की भरमार है, जिससे मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है।
गली-गली में अवैध पैथोलॉजी सेंटर
अनूपपुर के कोतमा, जैतहरी, पुष्पराजगढ़ और मुख्य जिला क्षेत्र में बिना पंजीकरण के दर्जनों पैथोलॉजी लैब संचालित हो रही हैं। इनमें से कई में अप्रशिक्षित कर्मचारी काम कर रहे हैं, जो गलत जांच रिपोर्ट देकर मरीजों को अनावश्यक दवाइयां और महंगा इलाज लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं। हर पैथोलॉजी लैब की रिपोर्ट अलग-अलग आती है, जिससे मरीज भ्रमित हो जाते हैं।
निजी अस्पतालों की मनमानी वसूली
अनूपपुर जिले के कई निजी अस्पताल मरीजों से मनमाने तरीके से पैसे वसूल रहे हैं। गरीब आदिवासी मरीजों को महंगे इलाज के नाम पर डराया जाता है और उनसे मोटी रकम वसूली जाती है। कई मामलों में देखा गया है कि बिना जरूरत के मरीजों को ICU में भर्ती कर लिया जाता है और उनके परिजनों से लाखों रुपये वसूले जाते हैं।
अधिकारियों की लापरवाही
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी निजी अस्पतालों, मेडिकल स्टोर्स और पैथोलॉजी लैब्स की नियमित जांच नहीं कर रहे हैं। बिना लाइसेंस चल रहे मेडिकल स्टोर्स और अवैध पैथोलॉजी सेंटरों को बंद करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
जिले में अवैध रूप से चल रही स्वास्थ्य सेवाओं के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है। कई अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स में अनियमितताओं के बावजूद उन पर प्रशासन की कोई सख्त नजर नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग को अनूपपुर जिले में सभी मेडिकल स्टोर्स, पैथोलॉजी सेंटरों और निजी अस्पतालों की नियमित जांच करनी चाहिए। बिना लाइसेंस वाले मेडिकल स्टोर्स को तत्काल बंद किया जाना चाहिए और अवैध पैथोलॉजी सेंटरों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को अवैध गतिविधियों में शामिल संस्थानों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाने चाहिए। यदि कोई मेडिकल स्टोर या अस्पताल मरीजों के साथ धोखाधड़ी करता है तो उसके लाइसेंस को रद्द कर देना चाहिए।
अनूपपुर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद चिंताजनक है। गरीब और आदिवासी मरीजों का आर्थिक शोषण हो रहा है और उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यदि प्रशासन ने जल्द ही कड़े कदम नहीं उठाए, तो यह समस्या और गंभीर हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग को तत्काल कार्रवाई करते हुए जिले में संचालित निजी अस्पतालों, मेडिकल स्टोर्स और पैथोलॉजी सेंटरों की गहन जांच करनी चाहिए ।



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