
संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर मतदान हुआ, जिसमें भारत और चीन ने भाग नहीं लिया। इस प्रस्ताव में रूस की आक्रामकता की निंदा करते हुए यूक्रेन से रूसी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की गई थी। मतदान में 93 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में, 18 ने विरोध में, और 65 देशों ने मतदान से दूरी बनाई। अमेरिका ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, जबकि भारत और चीन ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
अमेरिका ने अपने स्वयं के एक प्रस्ताव पर भी मतदान से परहेज किया, क्योंकि उसमें संशोधन कर रूस को आक्रामक के रूप में स्पष्ट किया गया था। यह घटनाक्रम उस समय हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वाशिंगटन में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मेजबानी कर रहे थे।
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका द्वारा प्रस्तुत एक प्रस्ताव पारित हुआ, जिसमें रूस और चीन ने समर्थन दिया, जबकि फ्रांस और ब्रिटेन ने मतदान से परहेज किया। इस प्रस्ताव में रूस की आक्रामकता या यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लेख नहीं था, बल्कि युद्ध के शीघ्र समाप्ति की अपील की गई थी।
भारत और चीन का मतदान से दूर रहना उनके तटस्थ रुख को दर्शाता है, जबकि अमेरिका और यूरोपीय देशों के बीच इस मुद्दे पर मतभेद स्पष्ट रूप से सामने आए हैं।



Leave a Reply