
पर्यटन समिट भविष्य की संभावनाओं का स्वर्णिम द्वार मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक स्मारक, समृद्ध जैव विविधता और मनोरम प्राकृतिक स्थलों को वैश्विक पहचान दिलाने के उद्देश्य से आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान पर्यटन क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए जा रहे हैं। समिट के दूसरे दिन, 25 फरवरी को, “फ्यूचर रेडी मध्यप्रदेश” के अंतर्गत पर्यटन और संस्कृति के योगदान पर एक विशिष्ट परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण आयोजन में केंद्रीय मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार की सचिव सुश्री वी. विद्यावति, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री शिव शेखर शुक्ला, प्रसिद्ध इतिहासकार पद्मश्री के.के. मोहम्मद, एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मश्री अजीत बजाज, बॉलीवुड अभिनेता श्री पंकज त्रिपाठी, इंडियन होटल्स कंपनी लि. के कार्यकारी उपाध्यक्ष श्री रोहित खोसला, मेक माय ट्रिप के श्री समीर बजाज, जेहनुमा होटल्स के निदेशक श्री अली राशिद, तथा अभिनेता श्री विजय विक्रम सिंह अपने विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

मध्यप्रदेश पर्यटन निवेश का केंद्र मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग ने राज्य में पर्यटन अधोसंरचना को नए आयाम देने और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सुविचारित रणनीति अपनाई है। विभाग ने 1000 हेक्टेयर से अधिक भूमि चिह्नित की है, जहां निवेशकों को होटल, रिसॉर्ट, गोल्फ कोर्स, वे-साइड एमिनिटीज एवं अन्य पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना के लिए विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इसके अंतर्गत निवेशकों को भूमि आवंटन, कर में रियायतें, तथा पूंजीगत अनुदान जैसी सहूलियतें दी जाएंगी।
रोप-वे से क्रूज तक पर्यटन के नए अवसर पर्यटन उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने हेतु मध्यप्रदेश में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के तहत हनुवंतिया, मांडू, ओरछा, अमरकंटक जैसे प्रसिद्ध स्थलों पर टेंट सिटीज, कारवां पर्यटन, रोप-वे, गोल्फ कोर्स तथा क्रूज पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। विशेष रूप से, स्टैचू ऑफ वननेस (ओंकारेश्वर) और स्टैचू ऑफ यूनिटी (केवड़िया, गुजरात) के बीच क्रूज पर्यटन के लिए निवेशकों को आमंत्रित किया जा रहा है।

पर्यटन नीति 2025 एवं फिल्म पर्यटन नीति 2025 : निवेशकों के लिए स्वर्णिम अवसर नई पर्यटन नीति एवं फिल्म पर्यटन नीति के अंतर्गत निवेशकों को कई आकर्षक लाभ प्रदान किए जाएंगे। फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए पारदर्शी और समयबद्ध ऑनलाइन ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ लागू किया गया है। जनजातीय भाषाओं जैसे मालवी, बुंदेली आदि में निर्मित फिल्मों को विशेष अनुदान दिया जाएगा। महिला-केंद्रित सिनेमा एवं बच्चों की फिल्मों को अतिरिक्त आर्थिक सहायता प्रदान कर सशक्त सिनेमा निर्माण को बल दिया जाएगा। इसके साथ ही, मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक व्यक्तित्वों पर आधारित फिल्मों के निर्माण को भी वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

क्षेत्रीय भाषाओं और लोक सिनेमा का संवर्धन मराठी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषाओं में फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहन देकर राज्य की सांस्कृतिक विविधता को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं को समर्थन देने हेतु शॉर्ट फिल्मों पर भी अनुदान दिया जाएगा।

फिल्म पर्यटन नीति 2025 अनुदान और प्रोत्साहन मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन नीति 2025 के तहत विभिन्न श्रेणियों में आर्थिक सहयोग का प्रावधान किया गया है ,
फीचर फिल्म : ₹2 करोड़ तक
वेब सीरीज : ₹1.50 करोड़ तक
टीवी शो / सीरियल : ₹1 करोड़ तक
डॉक्यूमेंट्री : ₹40 लाख तक
अंतरराष्ट्रीय फिल्म : ₹10 करोड़ तक
शॉर्ट फिल्म : ₹15 लाख तक
इस अनुदान का लाभ तब मिलेगा जब कुल शूटिंग अवधि का 75% हिस्सा मध्यप्रदेश में फिल्माया जाएगा। यह नीति फिल्म निर्माण को आकर्षित करने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी।

सिनेमाघरों के बुनियादी ढांचे का विस्तार मध्यप्रदेश में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के साथ-साथ, सिनेमाघरों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए भी विशेष योजनाएं बनाई गई हैं। नए सिंगल स्क्रीन थिएटरों के निर्माण एवं मौजूदा सिनेमाघरों के नवीनीकरण हेतु निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा।
निवेशकों के लिए प्रोत्साहन योजनाएं पर्यटन परियोजनाओं के लिए पूंजीगत अनुदान 15% से 30% तक रखा गया है, जिसकी अधिकतम सीमा ₹90 करोड़ तक होगी। वाइल्डलाइफ रिसॉर्ट्स और इलेक्ट्रिक क्रूज को भी विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। दुर्गम क्षेत्रों में पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना पर अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान किया गया है। 100 करोड़ से अधिक की अल्ट्रा-मेगा परियोजनाओं को 90 वर्षों तक की लीज पर भूमि आवंटन की सुविधा दी जाएगी।

पर्यटन में निजी निवेश को बढ़ावा मध्यप्रदेश पर्यटन नीति 2025 में ‘निवेश प्रोत्साहन सेल’ की स्थापना की गई है, जिससे निवेशकों को आवश्यक अनुमतियों एवं संसाधनों की समयबद्ध उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। पर्यटन परियोजनाओं के लिए ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ लागू किया गया है, जिससे निवेशकों को किसी प्रकार की प्रशासनिक बाधा का सामना न करना पड़े।
पर्यटन के नए क्षितिज मध्यप्रदेश सरकार पर्यटन और फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाते हुए राज्य को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। इस रणनीति के तहत ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक विविधता, फिल्म निर्माण, धार्मिक पर्यटन, प्राकृतिक सौंदर्य और मनोरंजन को एकीकृत किया जाएगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नया विस्तार मिलेगा।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से निवेशकों को आमंत्रित कर राज्य के पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की यह पहल न केवल मध्यप्रदेश बल्कि समूचे देश की आर्थिक एवं सांस्कृतिक विरासत को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।












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