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रूस-यूक्रेन युद्ध: तीन साल में भीषण तबाही, लाखों मौतें और खरबों का नुकसान

रूस-यूक्रेन युद्ध: तीन साल में भीषण तबाही, लाखों मौतें और खरबों का नुकसान

रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 में शुरू हुए युद्ध ने पिछले तीन वर्षों में दोनों देशों पर गहरा और विनाशकारी प्रभाव डाला है। इस संघर्ष ने सैन्य, नागरिक जीवन, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और सामाजिक संरचना को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
मानव जाति के साथ अन्य हानियां
यूक्रेन संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) के अनुसार, जनवरी 2025 तक, यूक्रेन में लगभग 30,000 नागरिकों की मृत्यु हुई है, जिसमें 5,000 से अधिक बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा, 50,000 से अधिक नागरिक घायल हुए हैं। यूक्रेनी सशस्त्र बलों ने लगभग 60,000 सैनिकों की हानि झेली है।
रूस रूसी रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि लगभग 50,000 रूसी सैनिकों की मृत्यु हुई है, जबकि स्वतंत्र स्रोतों का अनुमान इससे अधिक है। रूस में नागरिक हानि न्यूनतम रही है, क्योंकि अधिकांश लड़ाई यूक्रेनी क्षेत्र में हुई है।
आर्थिक लागत और नुक्सान
यूक्रेन विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को युद्ध के कारण लगभग $500 बिलियन (लगभग ₹43.3 लाख करोड़) का नुकसान हुआ है। इसमें बुनियादी ढांचे की क्षति, उत्पादन हानि, और पुनर्निर्माण की लागत शामिल है।
रूस अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों और सैन्य खर्च में वृद्धि के कारण, रूसी अर्थव्यवस्था को लगभग $300 बिलियन (लगभग ₹25.98 लाख करोड़) का नुकसान हुआ है। रूसी रूबल की मूल्यह्रास और विदेशी निवेश में कमी ने स्थिति को और बिगाड़ा है।
बुनियादी ढांचे की  अनुमानित आर्थिक क्षति
यूक्रेन युद्ध के दौरान, 2,000 से अधिक स्कूल, 500 अस्पताल, और 100,000 से अधिक आवासीय इमारतें नष्ट या क्षतिग्रस्त हुई हैं। इनकी पुनर्निर्माण लागत लगभग $150 बिलियन (लगभग ₹12.99 लाख करोड़) आंकी गई है।
पर्यावरणीय प्रभाव
यूक्रेन युद्ध ने 3 मिलियन हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि को अनुपयोगी बना दिया है। इसके अलावा, 15% वन क्षेत्र नष्ट हो गए हैं, जिससे जैव विविधता पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। कई जलाशय और नदियाँ प्रदूषित हो गई हैं, जिससे स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हुआ है।
वहां के सामाजिक जीवन में प्रभाव
यूक्रेन लगभग 10 मिलियन लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं, जबकि 5 मिलियन से अधिक ने अन्य देशों में शरण ली है। महिलाएं और बच्चे विशेष रूप से हिंसा, तस्करी, और शोषण के प्रति संवेदनशील हैं। मानवाधिकार संगठनों ने महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा और दुर्व्यवहार की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है।
सैन्य उपकरण और गोला-बारूद
यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से प्राप्त उन्नत हथियारों का उपयोग किया है, जिसमें HIMARS रॉकेट सिस्टम, Javelin एंटी-टैंक मिसाइल, और ड्रोन शामिल हैं। युद्ध के दौरान, यूक्रेन ने लगभग 1 मिलियन टन गोला-बारूद का उपयोग किया है, जिसकी अनुमानित लागत $20 बिलियन (लगभग ₹1.73 लाख करोड़) है।
रूस ने टैंक, आर्टिलरी, मिसाइल, और हवाई हमलों का व्यापक उपयोग किया है। रूसी सेना ने लगभग 1.5 मिलियन टन गोला-बारूद खर्च किया है, जिसकी अनुमानित लागत $25 बिलियन (लगभग ₹2.16 लाख करोड़) है।
युद्ध के कारण और प्रभा
इस संघर्ष के प्रमुख कारणों में यूक्रेन का नाटो और यूरोपीय संघ के साथ बढ़ता संबंध, रूस की सुरक्षा चिंताएँ, और डोनबास क्षेत्र में लंबे समय से चल रहा विवाद शामिल हैं। युद्ध ने वैश्विक ऊर्जा बाजार, खाद्य आपूर्ति श्रृंखला, और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर व्यापक प्रभाव डाला है। किसी भी पक्ष को स्पष्ट लाभ नहीं हुआ है, जबकि मानव जीवन, अर्थव्यवस्था, और पर्यावरण को अपार क्षति पहुँची है।
ये आंकड़े विभिन्न स्रोतों से प्राप्त अनुमानों पर आधारित हैं

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