
मध्य प्रदेश विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, उनके परिवार के सदस्यों, और भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) के अधिकारियों के खिलाफ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि उन्होंने आपराधिक षड्यंत्र के तहत नियमों का उल्लंघन करते हुए भूमि आवंटन में अनियमितताएं कीं।
आरोप: हेमंत कटारे, उनकी पत्नी, भाई योगेश कटारे, और बहू पर आरोप है कि उन्होंने बीडीए के तत्कालीन सीईओ केपी राही और ओएसडी मनोज वर्मा के साथ मिलकर बिना टेंडर प्रक्रिया के एक प्लॉट आवंटित कराया। इसके बाद, प्लॉट का लैंड यूज बिना दस्तावेज़ी संशोधन के आवासीय से वाणिज्यिक में बदल दिया गया, जिससे कंपनी को आर्थिक लाभ पहुंचा।
एफआईआर के धाराएं: एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र), 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेज़ का उपयोग) शामिल हैं।
पृष्ठभूमि: यह मामला 2004 का है, जिसमें आरोप है कि हेमंत कटारे और उनके परिवार ने बीडीए के अधिकारियों के साथ मिलकर मेसर्स हाई स्पीड मोटर्स नामक फर्म को नियमों के विरुद्ध प्लॉट आवंटित कराया। इस फर्म में हेमंत कटारे, योगेश कटारे, मीरा कटारे, और रुचि कटारे साझेदार हैं।
इस कार्रवाई के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है, और आगे की जांच में और भी खुलासे होने की संभावना है।



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