

मध्यप्रदेश की पवित्र और जीवनदायिनी नदी मां नर्मदा के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में हर वर्ष अमरकंटक में नर्मदा महोत्सव का आयोजन किया जाता है। यह महोत्सव न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि इसमें भारतीय संस्कृति, लोक कलाओं, पर्यावरण संरक्षण और आध्यात्मिकता का भव्य संगम देखने को मिलता है।
इस वर्ष नर्मदा महोत्सव-2025 के दूसरे दिन, यानी 4 फरवरी 2025 को, अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली ने श्रद्धालुओं, पर्यटकों और जनप्रतिनिधियों से इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की है।
नर्मदा महोत्सव के दूसरे दिन के प्रमुख कार्यक्रम
सुबह 7:00 बजे – योगाभ्यास (मैकल पार्क, अमरकंटक)
महोत्सव की शुरुआत मैकल पर्वत की गोद में स्थित मैकल पार्क में योग अभ्यास से होगी। यह आयोजन भक्तों और पर्यटकों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करेगा। योग विशेषज्ञ विशेष आसनों और प्राणायाम की विधियों का प्रदर्शन करेंगे, जिससे मानसिक शांति और शारीरिक स्फूर्ति प्राप्त होगी।
सुबह 10:00 बजे – पूजन एवं हवन (मां नर्मदा मंदिर प्रांगण)
मां नर्मदा की महिमा को समर्पित इस हवन और पूजन में संत-महात्मा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आहुति अर्पित करेंगे। इस आयोजन से वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भर जाएगा और श्रद्धालुओं को पवित्रता का अनुभव होगा।
दोपहर 12:00 बजे – कन्या भोज एवं महाप्रसाद (मां नर्मदा मंदिर प्रांगण)
कन्या भोज सनातन परंपरा का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसे पुण्यकारी माना जाता है। इस विशेष अवसर पर कन्याओं को भोजन कराकर मां नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त किया जाएगा। इसके साथ ही, सभी श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसाद का भी आयोजन होगा।
दोपहर 2:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक – सांस्कृतिक कार्यक्रम (रामघाट परिसर)
रामघाट परिसर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें नृत्य, लोकगीत, नर्मदा स्तुति, भजन संध्या और नाट्य प्रस्तुतियां शामिल होंगी।
शाम 6:30 बजे – महाआरती एवं लेजर लाइट शो (रामघाट, अमरकंटक)
मां नर्मदा की महाआरती भक्ति और आस्था का एक दिव्य दृश्य प्रस्तुत करेगी। दीपों की जगमगाहट, मंत्रों की गूंज और शंखनाद से पूरा रामघाट भक्तिमय हो उठेगा। इसके साथ ही, लेजर लाइट शो के माध्यम से मां नर्मदा की महिमा को रोशनी और दृश्य प्रभावों के जरिए दर्शाया जाएगा।
रात्रि 8:00 बजे – भक्ति गीत संध्या (मेला ग्राउंड, अमरकंटक)
महोत्सव के अंतिम चरण में प्रसिद्ध भक्ति गायक बाबा हंसराज रघुवंशी की संगीतमय प्रस्तुति होगी। उनके भजन और भक्ति गीत श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति कराएंगे।
कलेक्टर हर्षल पंचोली की विशेष अपील
अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी नागरिकों से अपील की है कि वे धर्म, आस्था, योग, ध्यान और पर्यटन के इस महायज्ञ में अपनी सहभागिता निभाएं। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि अमरकंटक की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी जाए।
नर्मदा महोत्सव का महत्व
नर्मदा महोत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने का एक प्रमुख मंच भी है।
मां नर्मदा को सनातन संस्कृति में मोक्षदायिनी नदी कहा गया है।
इस महोत्सव में हवन, पूजा, महाआरती और भक्ति संध्या से धार्मिक वातावरण निर्मित होता है
इस आयोजन में लोक कलाओं, संगीत, नृत्य और नाटकों के माध्यम से भारतीय संस्कृति को दर्शाया जाता है।
अमरकंटक, जहां नर्मदा नदी का उद्गम स्थल है, प्राकृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
इस महोत्सव के माध्यम से नर्मदा नदी के स्वच्छता अभियान को बढ़ावा दिया जाता है।
नर्मदा महोत्सव-2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आध्यात्मिकता, संस्कृति और प्रकृति का एक भव्य संगम है। इस महोत्सव में भाग लेकर श्रद्धालु न केवल धार्मिक पुण्य अर्जित कर सकते हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन को भी प्रोत्साहित कर सकते है।



Leave a Reply