
आज, 1 फरवरी 2025 को, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में अपने कार्यकाल का आठवां बजट प्रस्तुत किया। इस बजट में उन्होंने आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने, मध्यम वर्ग को राहत देने, और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। आइए, इस बजट की प्रमुख घोषणाओं और उनके संभावित प्रभावों का विस्तृत विश्लेषण करते हैं।
प्रमुख घोषणाएँ
1. आयकर स्लैब में बदलाव वित्त मंत्री ने मध्यम वर्ग को राहत प्रदान करने के लिए आयकर स्लैब में संशोधन की घोषणा की है। नई कर व्यवस्था के तहत, 10 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा, जबकि 10 से 15 लाख रुपये की आय पर 20% और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 25% कर लगाया जाएगा। इससे मध्यम वर्ग के लोगों के हाथ में अधिक धनराशि उपलब्ध होगी, जिससे उपभोग में वृद्धि की उम्मीद है।
2. बुनियादी ढांचे में निवेश सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 20% की वृद्धि के साथ 10 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की घोषणा की है। इस निवेश का उद्देश्य सड़कों, रेल, बंदरगाहों और हवाई अड्डों के विकास को बढ़ावा देना है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
3. कृषि और ग्रामीण विकास कृषि क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए, सरकार ने 2 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण लक्ष्य की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
4. स्वास्थ्य और शिक्षा स्वास्थ्य क्षेत्र में, आयुष्मान भारत योजना के तहत 50 लाख नए लाभार्थियों को शामिल किया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में, डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए जाएंगे।
5. हरित ऊर्जा और पर्यावरण पर्यावरण संरक्षण और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने 1.5 लाख करोड़ रुपये के हरित ऊर्जा कोष की स्थापना की है। इसका उद्देश्य सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग में वृद्धि होगी
बजट का विश्लेषण
वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत इस बजट में आर्थिक विकास को गति देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। आयकर स्लैब में बदलाव से मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी, जिससे उनकी क्रय शक्ति में वृद्धि होगी और उपभोग में बढ़ोतरी की संभावना है। बुनियादी ढांचे में निवेश से न केवल रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, बल्कि लॉजिस्टिक्स और परिवहन में सुधार से व्यापारिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
कृषि क्षेत्र के लिए घोषित ऋण लक्ष्य से किसानों को आवश्यक वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रावधानों से सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और मानव संसाधन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
हरित ऊर्जा कोष की स्थापना से स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी और दीर्घकालिक सतत विकास सुनिश्चित होगा।
संभावित चुनौतियाँ
हालांकि बजट में कई सकारात्मक पहलें की गई हैं, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ सकती हैं। बढ़ते हुए पूंजीगत व्यय से राजकोषीय घाटे पर दबाव बढ़ सकता है, जिसे नियंत्रित करना आवश्यक होगा। इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच निर्यात में वृद्धि सुनिश्चित करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत यह बजट आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण, और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास करता है। यदि इन घोषणाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है, तो यह देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में सहायक होगा।
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