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फैंटम भारतीय सेना का अमर योद्धा जिसने अपनी जान देकर देश की रक्षा की

फैंटम भारतीय सेना का अमर योद्धा जिसने अपनी जान देकर देश की रक्षा की



भारतभूमि हमेशा से अपने वीर योद्धाओं और निस्वार्थ बलिदानों के लिए जानी जाती है। हमारे सैनिक देश की रक्षा के लिए अपनी जान की परवाह नहीं करते, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने वाले चार पैरों वाले योद्धा भी होते हैं? ऐसे ही एक नायक थे फैंटम, भारतीय सेना के 9 पैरा स्पेशल फोर्सेज के प्रशिक्षित डॉग, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के अखनूर के सुंदरबनी सेक्टर में आतंकियों के खिलाफ एक निर्णायक ऑपरेशन में अपनी वीरता से इतिहास रच दिया।
फैंटम एक अद्वितीय योद्धा
फैंटम, एक प्रशिक्षित मिलिट्री डॉग, केवल कुत्ता नहीं था, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में भारतीय सेना का अभिन्न अंग था। अपनी अद्वितीय सूंघने और पहचानने की क्षमता के कारण फैंटम आतंकियों की गतिविधियों का सटीक अंदाजा लगाता और दुश्मनों के ठिकानों की पहचान करता। पिछले साल अक्टूबर में, जब सुंदरबनी सेक्टर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चला, फैंटम ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए वह कर दिखाया जो असंभव लगता था।
ऑपरेशन की रोमांचक कहानी
सुंदरबनी सेक्टर में आतंकियों के छिपे होने की खुफिया सूचना मिली थी। भारतीय सेना ने तुरंत 9 पैरा स्पेशल फोर्सेज को भेजा। ऑपरेशन खतरनाक था, क्योंकि आतंकियों ने इलाके को बारूदी सुरंगों और हथियारों से घेर रखा था। ऐसे में फैंटम ने मोर्चा संभाला।
फैंटम की सूंघने की बेजोड़ क्षमता ने आतंकियों के ठिकाने का सटीक पता लगा लिया। उसने अपनी जान की परवाह न करते हुए, अपने प्रशिक्षकों को संकेत दिए और ऑपरेशन को सफल बनाने में मदद की। आतंकियों ने जैसे ही फैंटम को देखा, उस पर गोलियां चलाईं। फैंटम घायल हो गया, लेकिन उसने आखिरी सांस तक अपने कर्तव्य से मुंह नहीं मोड़ा। उसकी कुर्बानी ने भारतीय सेना को दुश्मनों को खत्म करने और ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने का मौका दिया।
अमर बलिदान
फैंटम ने अपने प्राणों की आहुति देकर यह साबित कर दिया कि सच्चा योद्धा वही है जो अपने कर्तव्य के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दे। भारतीय सेना ने उसकी बहादुरी और बलिदान को कभी न भुलाने वाला योगदान माना।
सम्मान और गौरव
इस साल गणतंत्र दिवस पर, फैंटम को मरणोपरांत “मेंशन इन डिस्पैचेज वीरता पुरस्कार” से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार केवल उन योद्धाओं को दिया जाता है जिन्होंने अपने अद्वितीय साहस और वीरता से देश की रक्षा की हो। फैंटम का नाम अब भारतीय सेना की वीरगाथाओं में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
देशभक्ति की मिसाल
फैंटम की कहानी हमें सिखाती है कि देश की सेवा केवल इंसानों तक सीमित नहीं है। यह हर उस जीव का कर्तव्य है जो अपने देश के लिए कुछ कर सकता है। उसकी वीरता, निष्ठा, और बलिदान हर भारतीय के दिल में देशभक्ति की भावना को और प्रबल करता है।
फैंटम की कहानी केवल एक डॉग की कहानी नहीं, बल्कि एक सच्चे योद्धा की गाथा है। उसकी याद हमें हर बार प्रेरित करती रहेगी कि देश की रक्षा के लिए न केवल इंसान बल्कि हर जीव अपनी जान की बाजी लगा सकता है। फैंटम जैसे योद्धा सदैव अमर रहेंगे, और उनकी कहानी पीढ़ियों तक प्रेरणा देती रहेगी।

जय हिंद!

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