








शहडोल रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव 32 हजार करोड़ रुपये के निवेश से क्षेत्र में आर्थिक क्रांति की शुरुआत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्रेरणादायक घोषणाएं अनूपपुर, शहडोल, और उमरिया में औद्योगिक विकास और रोजगार की नई संभावनाएं
शहडोल, 16 जनवरी 2025
मध्यप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र ने आज एक नया इतिहास रचते हुए विकास की नई परिभाषा गढ़ी है। शहडोल में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव ने 32 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों के साथ न केवल इस क्षेत्र में आर्थिक क्रांति की नींव रखी है, बल्कि रोजगार, औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए एक नए युग की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में आयोजित इस भव्य आयोजन ने अनूपपुर, उमरिया और शहडोल जिलों के विकास की राह में एक नई रोशनी डाली है।
शहडोल से बदलाव की बयार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा, “शहडोल, अनूपपुर और उमरिया जैसे खनिज और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध क्षेत्र मध्यप्रदेश के औद्योगिक भविष्य के स्तंभ बन सकते हैं। आज हमने निवेशकों के साथ संवाद कर यह साबित किया है कि यह क्षेत्र उद्योगों के लिए न केवल उपयुक्त है, बल्कि यहां निवेश करना लाभदायक भी होगा।”
रीजनल कॉन्क्लेव के दौरान खनिज, नवकरणीय ऊर्जा, स्टील प्लांट, पर्यटन, कृषि और उद्यानिकी जैसे क्षेत्रों में बड़े निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह निवेश न केवल क्षेत्रीय विकास में मदद करेगा, बल्कि हजारों परिवारों को रोजगार का साधन भी प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री की प्रमुख घोषणाएं
नए औद्योगिक क्षेत्र
अनूपपुर जिले के बकहो ग्राम में 11 एकड़ भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र।
उमरिया के लोढ़ा ग्राम में 12 एकड़ और शहडोल के ब्यौहारी तहसील में 37 एकड़ भूमि पर औद्योगिक पार्क स्थापित होंगे शहडोल रिंग रोड निर्माण
क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए शहडोल रिंग रोड के निर्माण की घोषणा।एमएसएमई इकाइयों को बढ़ावा
छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर उन्हें बड़े उद्योगों के साथ जोड़ने की पहल।
यूआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज में नए पाठ्यक्रम
बीटेक और एमटेक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन टेक्नोलॉजी और माइनिंग इंजीनियरिंग जैसे विषय शामिल होंगे।
आधुनिक सुविधाओं से लैस सेंट्रल वर्कशॉप, हॉस्टल और खेल परिसर भी विकसित किए जाएंग औद्योगिक पार्क गोहपारू
51 हेक्टेयर भूमि में 16.13 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होगा, जिससे सैकड़ों रोजगार सृजित होंगे।
उद्योगपतियों का उत्साह और सहभागिता
रीजनल कॉन्क्लेव में 5000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। टोरेंट पावर, रिलायंस, शारदा एनपीजेएमएस माइनिंग, बजरंग पावर एंड स्टील जैसे प्रमुख उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री से वन-टू-वन बैठक में अपनी योजनाएं साझा कीं।
उद्योगपतियों की प्रमुख प्रतिक्रियाएं
“मध्यप्रदेश की औद्योगिक नीति निवेशकों को आकर्षित कर रही है। यह क्षेत्र खनिज और वन आधारित उद्योगों के लिए अत्यधिक संभावनाएं रखता है।”
अनूपपुर जिले को मिलेंगे ये विशेष लाभ
अनूपपुर के विकास पर मुख्यमंत्री ने विशेष ध्यान दिया और यहां के लिए निम्नलिखित घोषणाएं कीं
औद्योगिक विकास
बरगों में औद्योगिक पार्क की स्थापना से 1500 से अधिक रोजगार सृजित होंगे।
पर्यटन संवर्धन
अमरकंटक को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये का निवेश।
कुटीर उद्योग
बांस और जैविक उत्पादों से जुड़े उद्योगों को प्रोत्साहन।
शहडोल क्षेत्र के विकास का खाका
शहडोल क्षेत्र, जो पहले खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध था, अब औद्योगिक और पर्यटन विकास का केंद्र बनेगा। यहां के प्रमुख आकर्षण जैसे अमरकंटक, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान और सरसी आइलैंड को बढ़ावा दिया जाएगा।
पर्यटन का नया आयाम
मुख्यमंत्री ने कहा, “अमरकंटक न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना है। इसे विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।”
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की उपलब्धियां
102 औद्योगिक इकाइयों को 431 एकड़ भूमि आवंटित।
572 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावित।
95,000 से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना।
एमएसएमई को 3000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
रोजगार और आर्थिक क्रांति की दिशा में कदम
इस कॉन्क्लेव के माध्यम से क्षेत्र में 30,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। छोटे उद्यमियों को बड़े उद्योगों के साथ जोड़ने के प्रयास से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
उज्जवल भविष्य की ओर
शहडोल, अनूपपुर और उमरिया का यह औद्योगिक और आर्थिक विकास क्षेत्रीय समृद्धि की नींव रखेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में विश्वास दिलाया कि यह कॉन्क्लेव महाकौशल क्षेत्र को देश के अग्रणी औद्योगिक क्षेत्रों में स्थान दिलाएगा।
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव ने न केवल निवेशकों को आकर्षित किया, बल्कि इसने मध्यप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र को विकास और रोजगार की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की नींव रखी। मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच और प्रदेश की प्रगतिशील औद्योगिक नीति ने साबित कर दिया है कि आने वाला समय इस क्षेत्र के लिए बदलाव और विकास का होगा।










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