मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले की घटिया विधानसभा में विधायक सतीश मालवीय ने एक अनूठा उदाहरण पेश किया है। उनकी कार्यशैली और जनता से जुड़ाव ने उन्हें न केवल क्षेत्र का प्रिय नेता बनाया है, बल्कि उनके लाखों फॉलोअर्स की संख्या भी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।
घटिया का नाम सुनते ही कई लोग इसे नकारात्मक दृष्टिकोण से देखते हैं, लेकिन जब बात घटिया विधायक सतीश मालवीय की होती है, तो इसका मतलब पूरी तरह बदल जाता है। सतीश मालवीय ने “घटिया” शब्द को विकास, ईमानदारी और सेवा का प्रतीक बना दिया है
‘घटिया’ विधायक के फॉलोअर्स क्यों बढ़े
सतीश मालवीय ने घटिया विधानसभा में विकास की एक नई परिभाषा गढ़ी है। सड़कें, स्कूल, अस्पताल, और अन्य बुनियादी ढांचों के निर्माण में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है।
घटिया तहसील के हर गांव में बिजली, पानी और सड़कों की सुविधा को प्राथमिकता दी गई है।
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े सुधार हुए हैं, जिससे जनता में उनके प्रति विश्वास और बढ़ा है।
घटिया विधानसभा में जनता को कभी भी अपनी समस्याओं को लेकर लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता।
किसी भी समस्या पर विधायक तुरंत निदान करते हैं।
जनता का कहना है कि अगर फोन पर संपर्क नहीं हो पाता, तो सतीश मालवीय खुद मिस्ड कॉल देखकर संपर्क करते हैं और समस्या का समाधान करते हैं।
उनकी टीम भी 24/7 सेवा में तत्पर रहती है।छोटे कार्यकर्ताओं का सम्मान
सतीश मालवीय की एक खासियत है कि वे हर छोटे से छोटे कार्यकर्ता को वह सम्मान देते हैं, जो एक बड़े नेता को मिलता है।
उनकी कार्यशैली से प्रेरित होकर युवा बड़ी संख्या में उनसे जुड़ रहे हैं।
यही वजह है कि उनके फॉलोअर्स केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं हैं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी लाखों में हैं।
जनता की राय’हमारा विधायक है, हर वक्त साथ है!’
जब हमारी टीम ने घटिया विधानसभा की जनता से बातचीत की, तो उनकी राय बेहद सकारात्मक थी।
“हमारे विधायक जी हमेशा हमारी समस्याओं को प्राथमिकता देते हैं। चाहे रात हो या दिन, उनका दरवाजा हमेशा खुला रहता है।”
“कभी फोन नहीं उठा पाते, तो बाद में खुद कॉल करके पूछते हैं। ऐसा विधायक मिलना आज के समय में दुर्लभ है।”
“विकास की बात करें तो घटिया विधानसभा अब उज्जैन जिले की सबसे विकसित विधानसभा बन रही है।”
सतीश मालवीय के बढ़ते फॉलोअर्स और विकास कार्यों ने ‘घटिया’ नाम को भी एक अलग पहचान दी है।
पहले जब लोग ‘घटिया’ शब्द सुनते थे, तो इसका मतलब खराब या कमजोर समझते थे।
लेकिन अब ‘घटिया’ का मतलब है “विकास, सेवा और जनता से जुड़ाव।”
सोशल मीडिया पर भी लोग मजेदार अंदाज में कहते हैं, हर विधानसभा को ऐसा ‘घटिया’ विधायक चाहिए।”
विकास के क्षेत्र में किए गए मुख्य कार्य सड़क निर्माण
हर गांव और शहर को मुख्य सड़कों से जोड़ा गया है।
नई स्कूल बिल्डिंग और उच्च शिक्षा के लिए संस्थानों की स्थापना।
हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है।
किसानों के लिए नई योजनाओं और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार।
स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए पहल।
‘घटिया’ विधायक की बढ़ती लोकप्रियता का राज
क्षेत्र में विकास कार्यों की बाढ़।जनता की समस्याओं पर त्वरित प्रतिक्रिया।
ईमानदारी और निष्पक्षता।हर वर्ग के लोगों से जुड़ने की कला।पद का उपयोग केवल सेवा के लिए।
लाखों फॉलोअर्स के पीछे की कहानी
सोशल मीडिया से लेकर जमीनी स्तर तक, सतीश मालवीय के फॉलोअर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
उनके समर्थकों का कहना है कि “हमारे विधायक जी फल की इच्छा नहीं रखते, वे केवल कर्म में विश्वास करते हैं। यही वजह है कि लोग खुद-ब-खुद उनसे जुड़ते जा रहे हैं।”
युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक, हर वर्ग के लोग उनकी कार्यशैली से प्रभावित हैं।
‘घटिया’ विधायक से सीखने की जरूरत
मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश के नेताओं को सतीश मालवीय से सीख लेनी चाहिए।कैसे जनता से जुड़े रहना चाहिए।
कैसे विकास कार्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
कैसे नेता पद का उपयोग सेवा के लिए कर सकते हैं
घटिया विधानसभा के विधायक सतीश मालवीय ने दिखा दिया है कि अगर इरादे नेक हों, तो कोई भी नेता जनता के दिलों पर राज कर सकता है। उनकी कार्यशैली और सेवा भावना ने न केवल उन्हें लोकप्रिय बनाया है, बल्कि ‘घटिया’ को भी विकास का पर्याय बना दिया है।
अब लोग ‘घटिया विधायक’ कहने से डरते नहीं, बल्कि गर्व महसूस करते हैं। यही है सतीश मालवीय की असली जीत।
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