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सेंट्रल पार्क नेताओं और अफसरों की जमीन पर सत्ता 375 करोड़ की बेनामी संपत्तियों पर IT का बड़ा छापा

सेंट्रल पार्क नेताओं और अफसरों की जमीन पर सत्ता 375 करोड़ की बेनामी संपत्तियों पर IT का बड़ा छापा

भोपाल में हुए आयकर विभाग के छापों ने रियल एस्टेट जगत में हलचल मचा दी है। विशेषकर ‘सेंट्रल पार्क’ प्रोजेक्ट से जुड़े बिल्डरों, राजनेताओं और अधिकारियों की संपत्तियों पर की गई इस कार्रवाई ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। प्रमुख व्यक्तियों के नाम,
सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट राजनेताओं और अधिकारियों की भूमि
सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट में कई बड़े अधिकारियों और मंत्रियों की जमीनें होने की बात सामने आई है। इनमें प्रमुख नाम हैं
1. डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा उनके दोनों बेटों ने सेंट्रल पार्क में जमीन खरीदी है, जिसमें बेटे हर्ष देवड़ा का नाम विशेष रूप से  है
2. पूर्व मंत्री एवं विधायक भूपेंद्र सिंह उनकी भी इस प्रोजेक्ट में जमीन है।
3. सीहोर विधायक सुदेश राय उनके नाम भी सेंट्रल पार्क में जमीन दर्ज है।
त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के मालिक राजेश शर्मा पर शिकंजा
आयकर विभाग ने 18 दिसंबर को सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट से जुड़े दो दर्जन से अधिक स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के मालिक राजेश शर्मा की बेनामी संपत्तियों का पता चला, जिनकी कुल कीमत 375 करोड़ रुपये आंकी गई है। विभाग ने इन संपत्तियों को अटैच कर लिया है।
अन्य प्रमुख व्यक्तित्व और उनकी संपत्तियां
आयकर विभाग की इस कार्रवाई में अन्य कई प्रमुख व्यक्तियों के नाम भी सामने आए हैं ।
1. दीपक भावसार पूर्व मंत्री के करीबी माने जाने वाले दीपक भावसार राजधानी के एक प्रतिष्ठित क्लब के अनौपचारिक संचालक हैं। उनके माध्यम से भोपाल के एक बड़े अखबार समूह के परिवार के सदस्य का नाम भी प्रमुख स्थानों की जमीन के लेन-देन में शामिल है।
2. रूपम सेवानी भोपाल के न्यू मार्केट में 400 करोड़ रुपये के होटल प्रोजेक्ट के मालिकाना हक रखने वाले रूपम सेवानी का नाम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से भी जुड़ा है।
3. विनोद अग्रवाल और प्रदीप अग्रवाल दोनों भाई ‘क्वालिटी बिल्डर’ के नाम से फर्म चलाते हैं। प्रदीप अग्रवाल भोपाल के चर्चित प्यारे मियां कांड में भी लिप्त थे, जिसमें उन पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण का मामला दर्ज हुआ था।
अन्य संदिग्ध व्यक्तित्व
आयकर विभाग की इस कार्रवाई में अन्य कई व्यक्तियों के नाम भी सामने आए हैं, जिनकी संपत्तियों की जांच जारी है
रामवीर सिंह सिकरवार मामूली हैसियत से निकलकर चंद सालों में बिल्डर बने रामवीर सिंह की कहानी भी चर्चा में है। उन्होंने खुद को राजकुमार सिकरवार का रिश्तेदार बताकर ब्यूरोक्रेसी में अपने संबंध बनाए और अफसरों के लिए वित्तीय लेन-देन में भूमिका निभाई।
राजकुमार सिकरवार कंस्ट्रक्शन कारोबारी, जिनके संबंध भी इस प्रोजेक्ट से जुड़े बताए जा रहे हैं।
संपत्तियों का मूल्यांकन और स्थान
आयकर विभाग द्वारा जब्त की गई संपत्तियों की कुल कीमत गाइडलाइन के मुताबिक करीब 40 करोड़ रुपये है, लेकिन बाजार मूल्य 200 करोड़ रुपये आंका गया है। विभाग ने बेनामी संपत्ति अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया है।
आयकर विभाग की इस व्यापक कार्रवाई ने सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट में छिपे कई रहस्यों से पर्दा उठाया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भविष्य में इस प्रोजेक्ट और इससे जुड़े लोगों की स्थिति क्या होती है।

त्रिशूल कंस्ट्रक्शन पर आयकर विभाग की कार्रवाई का वीडियो देखें

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