


अनूपपुर अमरकंटक प्रकृति का सौंदर्य मनुष्य के लिए हमेशा से आकर्षण और प्रेरणा का केंद्र रहा है। जब ठंड की सर्द सुबह कोहरा हर चीज़ को अपने आगोश में ले लेता है, तो ऐसा प्रतीत होता है मानो धरती ने एक सफेद चादर ओढ़ ली हो। घने जंगलों की गहराई, ऊंघते पेड़ों की मूक भाषा, और पक्षियों की सुमधुर आवाजें एक ऐसा वातावरण रचती हैं, जो किसी भी व्यक्ति के दिल और दिमाग को सुकून और आनंद से भर देती हैं। ऐसे में अगर यह प्राकृतिक सौंदर्य किसी धार्मिक स्थल के पास का हो, जहाँ लोग वर्षभर अपनी आस्था और आत्मिक शांति के लिए आते हैं, उनका अनुभव और भी अद्भुत बन जाता है जिनमें माई की बगिया सोनमूडा कपिलधारा दूधधारा गांधी कुंड राम घाट अरंडी संगम जलेश्वर नर्मदा मंदिर सन राइस प्वाइंट के अलौकिक दृश्य जो ठंडी सुबह में घने कोहरे के बीच उभरता है। जब सूरज की पहली किरणें कोहरे के पर्दे को चीरकर धरती को अपनी सुनहरी आभा से सजाने लगती हैं, तो यह नजारा प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी उपहार से कम नहीं है । इस आलौकिक और मनमोहक दृश्य को देखते ही लोग बोल उठते हैं क्या अदभुत दृश्य है।
प्राकृतिक सौंदर्य और घने जंगलों की अद्भुत छटा
घने जंगल प्रकृति के सबसे बड़े चमत्कारों में से एक हैं। सुबह के समय जब कोहरा हर ओर अपनी चादर बिछा देता है, तो जंगल मानो और भी रहस्यमय और आकर्षक लगते हैं। ऊंघते पेड़ों की शाखाएँ ठंडी बयार में हल्के-हल्के हिलती हैं, मानो वह भी जागने की तैयारी कर रहे हों। पक्षियों की सुमधुर चहचहाहट इस शांत वातावरण में संगीत का काम करती है। यह अद्भुत दृश्य किसी भी व्यक्ति को अपनी ओर खींचने में सक्षम है।
जब कोई जंगल में प्रवेश करता है, तो उसकी सांसें ठंडी हवा से भर जाती हैं। बदन में एक सिहरन सी महसूस होती है, जो ठंड के साथ-साथ इस प्राकृतिक सौंदर्य की भव्यता का एहसास कराती है। ऊंघते पेड़ों के बीच सरसराती ठंडी बयार और कोहरे की परत इस दृश्य को और भी अलौकिक बना देती है।
सनराइज पॉइंट और सूर्य की पहली किरणों का जादू
कोहरे भरी सुबह में सनराइज पॉइंट पर खड़े होना अपने आप में एक अनूठा अनुभव है। यहाँ का वातावरण हर किसी के मन को छू लेता है। जब सूरज की पहली किरणें कोहरे के पर्दे को चीरती हैं और धरती पर पड़ती हैं, तो ऐसा लगता है मानो प्रकृति ने अपने सारे रंग बिखेर दिए हों। यह दृश्य हर किसी को आत्मिक शांति और आनंद से भर देता है।
लोग इस अद्भुत क्षण को देखने के लिए सुबह-सुबह यहाँ आते हैं। ठंडी हवा में खड़े होकर, कोहरे के बीच उगते सूरज को देखना, एक ऐसा अनुभव है जो लंबे समय तक याद रहता है। सूरज की पहली किरणें न केवल वातावरण को रोशन करती हैं, बल्कि मनुष्य के अंदर नई ऊर्जा का संचार भी करती हैं।
ठंड और कोहरे का रोमांचक अनुभव
ठंड का मौसम अपने साथ कई तरह की अनुभूतियाँ लाता है। कड़कड़ाती ठंड में जब कोहरा हर चीज़ को ढक लेता है, तो हर कदम एक रोमांचक अनुभव बन जाता है। लोग गर्म कपड़ों में लिपटे हुए, हाथ में चाय या कॉफी का कप लेकर इस प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए बाहर आते हैं। बदन में सिहरन पैदा करने वाली ठंडी हवाएँ और कोहरे की नमी इस अनुभव को और भी गहराई प्रदान करती हैं।
इस समय, जंगलों में पेड़ों की चुप्पी, पक्षियों की आवाज, और ठंडी बयार का स्पर्श एक ऐसा माहौल बनाता है, जो किसी ध्यान या योग सत्र से कम नहीं है। यह न केवल शरीर को तरोताजा करता है, बल्कि मन को भी शांति और संतुलन प्रदान करता है।




लोगों की धार्मिक आस्था और प्राकृतिक प्रेम
जहाँ प्राकृतिक सौंदर्य लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है, वहीं धार्मिक आस्था उन्हें आत्मिक शांति प्रदान करती है। लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस अद्भुत अनुभव का हिस्सा बनने आते हैं। किसी धार्मिक स्थल पर जब यह प्राकृतिक सौंदर्य जुड़ता है, तो यह अनुभव और भी अद्वितीय बन जाता है।
धार्मिक आस्था और प्राकृतिक प्रेम का यह संगम लोगों को एक नई ऊर्जा और उत्साह से भर देता है। यह उन्हें न केवल प्रकृति के करीब लाता है, बल्कि उनकी आत्मा को भी पवित्रता और सकारात्मकता से भर देता है।
अलौकिक दृश्य और मन का उत्साह
इस अद्भुत दृश्य को देखकर हर किसी का मन प्रफुल्लित हो उठता है। घने कोहरे के बीच ठंडी हवा का स्पर्श, चहचहाते पक्षियों की आवाज, और उगते सूरज की सुनहरी किरणें मनुष्य को ऐसा अनुभव कराती हैं, मानो वह स्वर्ग में हो। यह दृश्य न केवल आँखों को सुकून देता है, बल्कि आत्मा को भी आनंदित करता है।
लोग इस अनुभव को अपने कैमरों में कैद करते हैं, ताकि वे इन पलों को हमेशा के लिए संजो कर रख सकें। यह दृश्य उन्हें बार-बार यहाँ आने के लिए प्रेरित करता है जो प्रकृति और मां नर्मदा की महिमा का एहसास कराता है।
प्राकृतिक और धार्मिक स्थलों का महत्व
ऐसे स्थल, जहाँ प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक आस्था का मेल होता है, मानव जीवन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं। यह न केवल उन्हें बाहरी दुनिया की हलचल से दूर ले जाते हैं, बल्कि उन्हें अपने भीतर झाँकने का अवसर भी प्रदान करते हैं।
इन स्थलों पर आकर लोग अपनी चिंताओं और परेशानियों को भूल जाते हैं और अपने जीवन के वास्तविक अर्थ को समझने का प्रयास करते हैं। यह स्थल उन्हें यह सिखाते हैं कि प्रकृति और धर्म दोनों ही हमारे जीवन को समृद्ध और संतुलित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
शहडोल रेंज के आई जी श्री अनुराग शर्मा भी नूतन वर्ष के प्रथम दिन अमरकंटक पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाने के साथ पूजा अर्चना की उन्होंने भी लाखों प्रकृति और आस्था के पुजारियों संग अमर कंटक की प्रकृति का ताना बाना देखा जहां
घना कोहरा, ठंडी बयार, उगते सूरज की किरणें, और पक्षियों की सुमधुर आवाज का यह अनुभव जो हर किसी के दिल और दिमाग में एक अमिट छाप छोड़ता है। जिससे हमारे मन को सुकून और आनंद मिलता ही है,बल्कि हमें प्रकृति और धर्म के महत्व का भी एहसास कराता है।अनूपपुर








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